
हादसे के बाद एक्टिव हुआ शिक्षा विभाग, प्रदेश की साढ़े सात हजार स्कूलों की होगी मरम्मत, घटिया निर्माण करने वालों पर होगी कार्यवाही





खुलासा न्यूज, नेटवर्क। झालावाड़ में सरकारी स्कूल में हुए हादसे में सात बच्चों की मौत के बाद शिक्षा विभाग एक्टिव मोड में आ गया है। शिक्षा विभाग अब प्रदेशभर के 7500 सरकारी स्कूलों की मरम्मत करवाएगा। वहीं, जर्जर हो चुके स्कूलों को तोड़कर बच्चों को कंटेनर में पढ़ाया जाएगा। रविवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। जयपुर में सिविल लाइंस स्थित आवास पर शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने बदहाल स्कूलों की दशा सुधारने के लिए शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग के आला अधिकारियों की बैठक ली। इसमें प्रदेश के सभी स्कूलों का जिला कलेक्टर के माध्यम से सर्वे कराने का फैसला हुआ। सर्वे में जो स्कूल भवन जर्जर अवस्था में पाए जाएंगे, उन भवनों पर लाल रंग से क्रॉस का निशान लगाकर उन्हें बंद किया जाएगा। जर्जर पाए गए भवनों को प्राथमिकता के आधार पर जमींदोज किया जाएगा। इसके साथ ही वहां पर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए कंटेनर लगाकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
प्रदेशभर में 7500 स्कूलों की होगी मरम्मत
दिलावर ने बताया कि सर्वे के अनुसार सभी जर्जर भवनों और मरम्मत योग्य भवनों का जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित ऐप बनाया जाएगा, जिसे शाला दर्पण से लिंक किया जाएगा। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का प्रयोग किया जाएगा और भवन की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बजट प्रावधान किए जाएंगे। वहीं, आपदा प्रबंधन कोष से बरसात की विभीषिका को देखते हुए आपदा राहत मद के तहत 170 तहसीलों के 7500 स्कूलों में मरम्मत के लिए 150 करोड़ रुपए के प्रस्ताव स्वीकृत किए गए, ताकि क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत कर उन्हें सुरक्षित बनाया जा सके।
घटिया निर्माण पर अधिकारियों-ठेकेदार से होगी वसूली
उन्होंने बताया- स्कूल भवन के निर्माण में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए समग्र शिक्षा में एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। जिलों में होने वाले निर्माण की गुणवत्ता की जांच पीडब्ल्यूडी के गुणवत्ता जांच प्रयोगशालाओं से कराया जाएगा। वहीं, घटिया निर्माण मिलने पर निर्माण करने वाले ठेकेदार सहित संबंधित अभियंता की जिम्मेदारी तय करते हुए उनसे वसूली की जाएगी।
प्राइवेट स्कूलों की भी होगी जांच
दिलावर ने बताया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों के साथ ही प्राइवेट स्कूलों का भी सर्वे होगा। ताकि इन स्कूलों में भी पढऩे वाले बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके। प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को लाने ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा जांच, वाहन फिटनेस और वाहन चालक की मेडिकल जांच सहित शिक्षा विभाग द्वारा अन्य सुरक्षा मानकों की निगरानी की जाएगी।


