शिक्षा विभाग पर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अनदेखी का आरोप

शिक्षा विभाग पर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अनदेखी का आरोप

शिक्षा विभाग पर उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अनदेखी का आरोप
बीकानेर । रा.उ.मावि गिन्नाणी पंवासर के अध्यापक मदन लाल सुथार ने प्रतिवेदन पेश कर शिक्षा विभाग तथा निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग पर राजस्थान हाईकोर्ट के स्थगन आदेश की अवहेल्ला कर उन्हें नियमानुसार देय वित्तीय परिलाभ से वंचित करने का प्रकरण उठाया है। प्रतिवेदन में बताया गया कि जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने 15.9.2020 को शिक्षक मदन लाल सुथार को राजस्थान असैनिक सेवाऐं 1958 के तहत 5000 के गबन का आरोपी मानते हुए निलंबित कर दिया गया था। तत्पश्चात् निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर ने निलंबन आदेश की पुष्टि करते हुए दिनांक 18.9.2020 को अध्यापक मदन सुथार को 5000 के गबन का आरोपी मानते हुए चार्जशीट जारी कर दे गई। शिक्षा विभाग द्वारा अचानक बिना जांच पड़ताल के इस प्रकार की कार्यवाही के विरोध में अध्यापक मदन लाल सुथार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान जोधपुर से उपरोक्त पूरे प्रकारण पर स्थगन आदेश एसबी सिविल रिट पिटिशन नं 17578/2020 प्राप्त कर शिक्षा विभाग के विभिन्न कार्यालयों में प्रेषित कर दिया गया। अध्यपाक मदनलाल द्वारा जांच अधिकारी के साथ विभाग के उच्चाधिकारियों के विरुद्ध उच्च न्यायालय की अवमानना का केस एसबी रिट कन्टेप्ट दर्ज करवा दिया। जो न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। इसके बाद भी प्रधानाचार्य राउमावि गिन्नाणी पंवासर के प्रस्तावित पत्र के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा बीकानेर पुन: स्वयं के द्वारा पूर्व में भी सुथार को दी जा रही 18 वर्षीय एसीपी को 15 माह बाद प्रत्याहरित करने के आदेश पारित कर अध्यापक को नियमानुसार देय वित्तीय लाभ पर रोक लगा दी गई। जिनकी जांच कराने की मांग की।

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