
2700 करोड़ ठगने वालों पर ईडी की रेड, दो भाई हैं मास्टरमाइंड, जानिए 70 हजार लोगों से कैसे हुई इतनी बड़ी ठगी







2700 करोड़ ठगने वालों पर ईडी की रेड, दो भाई हैं मास्टरमाइंड, जानिए 70 हजार लोगों से कैसे हुई इतनी बड़ी ठगी
नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट में हुई 2700 करोड़ की धोखाधड़ी और मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की एंट्री हो गई है। 12 जून को ईडी ने राजस्थान, गुजरात व दिल्ली में करीब 24 ठिकानों पर छापेमारी की। राजस्थान में सीकर, झुंझुनूं, जयपुर व जोधपुर में कई ठिकानों पर ईडी की टीमें पहुंचीं थीं। ईडी की ताबड़तोड़ रेड के बाद एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है। 2700 करोड़ की ठगी सीकर के ही दो भाइयों ने मिलकर शुरू की थी। नेक्सा एवरग्रीन नाम की कंपनी खोली। अहमदाबाद (गुजरात) के धोलेरा में एक रियल स्टेट प्रोजेक्ट था, जिसमें प्लॉट, फ्लैट व पूंजी निवेश करने पर मोटा मुनाफा का लालच देकर लोगों से मोटी रकम ऐंठी गई। इस पोंजी स्कीम के झांसे में आकर कई राज्यों में 70 हजार लोग निवेश कर बैठे थे। जोधपुर, जयपुर, सीकर व झुंझुनूं के पुलिस थानों में मुकदमे दर्ज हुए, लेकिन पीड़ितों को आज तक उनका पैसा नहीं मिल पाया है। अब इस मामले में ईडी एक्टिव हुई है।
कौन है मास्टर माइंड?
नेक्सा एवरग्रीन प्रोजेक्ट के मास्टरमाइंड सीकर के सुभाष बिजारणियां और रणवीर बिजारणियां है। सुभाष बिजारणियां पहले सेना में था। रिटायर्ड होने के बाद उसने धोलेरा (अहमदाबाद) में कुछ जमीन खरीदी थी। बाद में नेक्सा एवरग्रीन नाम की कंपनी बनाई। कंपनी में निवेश के लिए लोगों को झांसा दिया गया कि वो रियल एस्टेट कारोबार करती है। इसकी धोलेरा में 1300 बीघा जमीन है। ये बेशकीमती जमीन है, जहां वर्ल्ड क्लास सिटी बन रही है। इसमें निवेश के कई प्लान बनाए गए। कंपनी ने एजेंटों के जरिए 70 हजार लोगों से 2700 करोड़ रुपए निवेश के नाम पर जमा किए। उन एजेंटों को भी मोटा कमीशन दिया गया। अचानक कंपनी बंद कर मास्टरमाइंड फरार हो गए। इस प्रोजेक्ट में कई पूर्व सैनिकों, यहां तक कि पुलिसकर्मियों तक ने पैसे लगाए थे। धोलेरा अहमदाबाद से लगभग सौ किलोमीटर दूर, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां केंद्र सरकार व गुजरात सरकार का जॉइंट प्रोजेक्ट धोलेरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट डेवलप हो रहा है। यह भारत की सबसे महत्वाकांक्षी शहरी विकास परियोजना में से एक है। यह भारत की पहली ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी के रुम में डवलप हो रही है। इस सिटी में 920 वर्ग किलाेमीटर यानि दिल्ली के आकार से लगभग दोगुना एरिया है, जिसमें 22 गांव शामिल हैं। यहां एक आधुनिक शहर होगा। इसमें बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, उच्च गुणवत्ता वाली सड़क, एआई टेक्नीक से लैस फैसिलिटी होंगे। यहां आवास के साथ-साथ इंडस्ट्रियल हब भी होगा। मल्टीनेशनल कंपनियां यहां प्रोजेक्ट लगा रही हैं। यहां इंटरनेशनल हवाई अड्डा बन रहा है। इस प्रोजेक्ट के 2042 तक पूरा होने की उम्मीद है। यहां लगभग 20 लाख की आबादी बसाने की योजना है। भारत सरकार के इस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण धोलेरा में जमीन का झांसा दिया गया। आरोपियों ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट का हिस्सा नेक्सा एवरग्रीन को बताया और लोगों को झांसे में लेकर निवेश करवाया। चूंकि यह सिटी सेंट्रल गवर्नमेंट के प्रोजेक्ट में थी, ऐसे में लोग आसानी से झांसे में आ गए। आरोपियों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
अकेले जोधपुर में 80 करोड़ से अधिक की ठगी
नेक्सा एवरग्रीन के नाम से जोधपुर के करवड़ थाने में जनवरी 2023 में करीब 80 करोड़ की ठगी सामने आई। थाने में कंपनी के एजेंट मेघसिंह, शक्ति सिंह व सुरेंद्र सिंह के खिलाफ लोगों ने धोखाधड़ी के मामले दर्ज करवाए थे। आरोप है कि इन एजेंटों ने लोगों से पैसा लेकर फ्रॉड किया, मोटी रकम वसूली गई और धोलेरा में जमीन की रजिस्ट्री भी बनवा कर दी। फिर इन एजेंटों ने यह रजिस्ट्री किसी बहाने से वापस ले ली थी।


