पीबीएम में मॉक ड्रिल के दौरान खुली पोल, सामने आई कमियां

पीबीएम में मॉक ड्रिल के दौरान खुली पोल, सामने आई कमियां

पीबीएम में मॉक ड्रिल के दौरान खुली पोल, सामने आई कमियां
बीकानेर। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद पूरे प्रदेश में अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। इसी क्रम में बीकानेर के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में चर्म रोग विभाग में शुक्रवार को मॉक ड्रिल आयोजित की गई, लेकिन यह मॉक ड्रिल फायर सेफ़्टी की हकीकत उजागर कर गई। जैसे ही आग लगने की स्थिति का अभ्यास शुरू हुआ, फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे थे। पानी की धार से आग बुझाने की जगह पाइपों में जगह-जगह से लीकेज हो गया। तेज़ प्रेशर के साथ बहनाचाहिए था पानी, पर वह व्यर्थ जमीन पर बहता रहा। नलों से टपकती धार और पाइपों के छिद्रों से निकलता पानी यह दर्शा रहा थाकि अगर वास्तविक हादसा हुआ तो हालात कितने गंभीर हो सकते हैं।फायर ब्रिगेड अधिकारी ने जब स्थिति संभालने की कोशिश की तो सफाई में कहा इस तरह के छोटे-मोटे लीकेज हर गाड़ी में होजाते हैं, लेकिन इससे प्रेशर पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। अधिकारी ने आगे कहा अगर हर बार पाइप बदलने लगेंगे तो राजस्वहानि होगी।अधिकारियों के इस बयान ने व्यवस्था की लापरवाही पर और सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर सरकार अस्पतालों की सुरक्षा कोलेकर आदेश पर आदेश जारी कर रही है, दूसरी ओर जब अमल की बात आती है तो सिस्टम की पोल खुल जाती है। बीकानेर जैसेबड़े चिकित्सा केंद्र में अगर मॉक ड्रिल के दौरान ही उपकरण जवाब दे जाएं तो असली आग लगने पर हालात की कल्पना करना हीभयावह है।यह सवाल अब प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने खड़ा है क्या अग्निशमन विभाग सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है या सचमुचकिसी बड़ी दुर्घटना से निपटने के लिए तैयार है?

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