
बीकानेर से खबर/ बकाया बिल के चलते निजी अस्पताल नहीं रोक सकेंगे डेडबॉडी






जयपुर: प्रदेश की जनता को सीएम गहलोत जल्द ही चिकित्सा का अधिकार देने वाले है.जी हां, गहलोत सरकार की राइट टू हेल्थ की घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए चिकित्सा विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है.स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार किए गए बिल के ड्राफ्ट का फिलहाल विधि विभाग में परीक्षण किया जा रहा है.अधिकारियों की माने तो इसी विधानसभा सत्र से प्रदेशवासियों को राइट टू हैल्थ का अधिकार मिलने की पूरी उम्मीद है. राइट टू हैल्थ को लेकर संजीदा सीएम गहलोत के सपने को साकार करने के लिए चिकित्सा विभाग 15 पेजों का बिल ड्राफ्ट मार्च माह में ही तैयार कर चुका है.इस ड्राफ्ट में न सिर्फ प्रदेश की जनता के अलावा चिकित्सा कार्मिकों और सरकार के अधिकार तय किए गए है, बल्कि उनकी खुद की रेस्पोसिबिलिटी भी फिक्स करने का प्रयास किया गया है.इस बिल के अनुसार प्रदेश के सभी लोगों को स्वस्थ रहने सबंधी सभी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा.
सभी अस्पतालों में निःशुल्क परामर्श,दवाईया जांच,आपातकालीन वाहन सुविधा,आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार होगा. रियायती दर पर स्थापित निजी अस्पतालों में रियायती दर की नियम/शर्तों के अनुसार इलाज का अधिकार होगा. स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त निदेशक डॉ.सुशील परमार ने बताया कि पूरी उम्मीद है कि इसी सैशन में बिल पेश कर दिया जाए. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो कानून के पारित होते ही राजस्थान देश का पहला राज्य बनेगा, जहां जनता को स्वास्थ्य का कानूनन अधिकार मिलेगा.


