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मारवाड़ अस्पताल के शिशु स्पेशलिस्ट डॉ. गौरव गोंबर की लापरवाही से माता-पिता के गोद हुई सूनी

मारवाड़ अस्पताल के शिशु स्पेशलिस्ट डॉ. गौरव गोंबर की लापरवाही से माता-पिता के गोद हुई सूनी
बीकानेर। बीकानेर शहर के रानीबाजार में रहने जगदीश खत्री की की घर में एक नन्ही बच्ची ने जन्म लिया माता पिता दोनों अपने घर आई लक्ष्मी को लेकर काफी खुश थे। दिनभर उसको प्यार करते नहीं थकते थे। लेकिन भगवान को कुछ ओर ही मंजूर था। अचानक एक दिन बच्ची को बुखार आया तो पिता ने अपनी नन्ही बेटी को लेकर तुरंत मारवाड़ा अस्पताल पहुंचे जहां डॉक्टर गौरव गोंबर के पास पहुंचा डॉक्टर ने दवाई दे दी लेकिन ये समस्या बढ़ती गई। छोटी बच्चे दर्द से कराहती रही लेकिन दर्द में दवाई से कुछ भी आराम नही मिला। बाद में डॉक्टर गौरव गोंबर ने जयपुर जाकर अकिंत मंगला को दिखाया उन्होंने ऑपरेशन करवाने की सलाह दी और बच्ची का ऑपरेशन कर दिया। नन्ही बच्ची के पेट में 200 के करीब टांके लगा दिये और स्टेट डाल दिया। बाद में बच्ची को बीकानेर लेकर आ गये लेकिन दो दिन बाद ही बच्ची के पेट में दर्द होने लाग तो डॉक्टर को दिखाया तो बोले टायफाइड है ठीक हो जायेगा। इस दौरान बच्ची की हालत दिनों में गिरती रही और एक दिन नन्ही बच्ची ने दुनिया को छोडक़र चल गई। माता पिता अपनी नन्ही बेटी से हाथ धो बैठे डॉक्टर की सलाह के अनुसार इलाज लेने व लाखों रुपये इलाज पर खर्च करने के बाद भी नन्ही बच्ची को नहीं बचा सका। उस बच्ची का क्या दोष था जिसने अभी तक पूरी आंखे भी नहीं खोली थी उससे पहले ही धरती के भगवान की लापारवाही से उसकी जान चली गई। माता पिता बच्ची के क्या सपने लिये थे उनके सपने एक झटकें में चूर-चूर हो गये। आखिर उस बच्ची की क्या गलती थी। क्या उसको अब इंसाफ मिलेगा या धन बल के नीचे फाइल दब जायेगी और उस बच्ची की आत्म रो रही होगी।

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