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राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते पालिका में अधिशासी अधिकारी का पद फुटबॉल बना

श्रीडूंगरगढ़। कस्बे की नगरपालिका इन दिनों राजनीति का अखाड़ा बनी है। इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते पालिका में अधिशासी अधिकारी का पद फुटबॉल बना है और अधिशासी अधिकारी के एपीओ होने, स्थगन और तबादले का दौर जारी है। इसका सबसे बड़ा खमियाजा कस्बे की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। वर्तमान में अधिशासी अधिकारी का पद खाली होने के कारण जन्म, मृत्यु जैसे रोजमर्रा से जुड़े कार्य भी नहीं हो रहे है। इन सामान्य कार्यों के लिए कस्बेवासी नगरपालिका के चक्कर काट रहे है, लेकिन जवाब एक ही मिलता है कि ईओ साहब नही है।
चेयरमैन ने की मांग
इस घटनाक्रम के बीच अब पालिका के चेयरमैन मानमल शर्मा ने निकाय विभाग के उपनिदेशक को पत्र भेजकर नगरपालिका में अधिशासी अधिकारी नियुक्त करने की मांग की है। शर्मा ने इसकी प्रतिलिपि निकाय विभाग के निदेशक, जिला कलक्टर और उपखंड अधिकारी को भी भेजी है। चेयरमैन शर्मा ने पत्र में बताया कि 14 दिसम्बर से पालिका अधिशासी अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण पालिका के सभी कार्य ठप हैं और कस्बे की आम जनता परेशान हो रही है। जब तक राज्य सरकार द्वारा अधिशासी अधिकारी की नियुक्ति नही होती। तब तक नजदीकी पालिका के अधिशासी अधिकारी को इस पालिका का अतिरिक्त चार्ज दिया जाए। ताकि कार्य सुचारू रुप से हो सके।
कार्य हो रहे प्रभावित
पालिका में अधिशासी अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण राज्य सरकार के महत्वकांक्षी कदम प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत बनने वाले पट्टों का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। अभियान से लाभान्वित होने के लिए कस्बे के लोगों ने बड़ी संख्या में पट्टों के लिए पालिका में आवेदन कर रखा है, लेकिन अधिशासी अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण पट्टे नही बन रहे हैं और राज्य सरकार के जन कल्याण से जुड़े इस अभियान पर बट्टा लग रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पट्टा बनाने के लिए पालिका में करीब 1500 आवेदन आ हुए हैं। इनमें से करीब 600 पट्टे बन गए है और करीब 100 पट्टे बनकर तैयार है, लेकिन अधिशासी अधिकारी नहीं होने से पट्टे जारी नही किए जा रहे हैं।
यह चल रहा घटनाक्रम
गत 20 अक्टूबर को तत्कालीन पालिका अधिशासी अधिकारी भवानीशंकर व्यास को एपीओ कर ललितसिंह देथा को अधिशासी अधिकारी पद पर लगाया था। देथा ने 21 अक्टूबर को ही कार्यग्रहण कर लिया था, लेकिन इसी दिन व्यास ने न्यायालय ने स्थगन आदेश प्राप्त कर वापस अधिशासी अधिकारी पद पर कार्यग्रहण कर लिया। इसके बाद 27 अक्टूबर को व्यास का बयाना नगरपालिका में पदस्थापित किया गया और 28 अक्टूबर को देथा ने पुन: अधिशासी अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया। वहीं 31 अक्टूबर को ईओ भवानीशंकर व्यास के साथ कार्यालय में मारपीट हुई। इसी दिन व्यास को निलंबित भी कर दिया गया। इसके बाद 14 दिसम्बर को ईओ ललित सिंह देथा को भी एपीओ कर दिया गया है।

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