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भद्रा के कारण बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी इस समय बांध सकेंगी, देखें मुहुर्त…

बीकानेर. भाई-बहन के प्यार व प्रेम का पर्व रक्षाबंधन गुरुवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन को लेकर इस बार भद्रा होने की वजह से अलसुबह व देररात का श्रेष्ठ मुहुर्त माना गया है। पंडित मुरारी मिश्रा ने बताया कि रक्षाबंधन का शुभ मुहुर्त सुबह 6.12 से 7.50 तक तथा दूसरा मुहुर्त रात 8.52 से 9.49 तक श्रेष्ठ समय माना है। वहीं पूरे दिन भद्रा होने के कारण इस समय राखी नहीं बांध सकेंगी। ज्योतिषियों के अनुसार सुबह 10.38 मिनट से भद्रा लग जाएगी जो पूरे दिन रहेगी। भद्रा के दौरान राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। वहीं कई ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि गुरुवार को सुबह 10.38 से लेकर रात 8.52 तक राखी बांधना शुभ नहीं है।

शास्त्रों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर्व गुरुवार को मनाया जाएगा। इसमें पूर्णिमा तिथि 10.38 से प्रारंभ होकर 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 7 बजे तक रहेगी। लेकिन इसी समय के मध्य 11 अगस्त को 10.38 से भद्रा शुरू हो जाएगी। जो रात्रि 8.52 तक रहेगी। भद्रा काल में रक्षाबंधन निषेध है। धर्मग्रंथों के अनुसार होलिका दहन श्रावणी रक्षाबंधन भले ही किसी भी लोक की हो। त्याज्या अत: दिन और रात में मना सकेंगे। रात्रि 8.52 में भद्रा की समाप्ति हो रही है इसके बाद भी राखी बांध सकेंगे। शुभ समय सुबह 6.12 से 7.50 तक तथा अतिश्रेष्ठ मुहुर्त 8.52 से 9.59 है। यह निर्णयसागर पंचांग के अनुसार श्रेष्ठ है। एक तर्क यह है कि इस दिन चन्द्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। जिस कारण कुछ ज्योतिष शास्त्र में इस दिन भद्रा का स्वर्ग लोक में तो पाताल लोक में मानते है किन्तु दोनों परिस्थितियों में इस भद्रा को शुभ माना जाएगा। ज्योतिषशास्त्रों के अनुसार स्वर्ग लोक की भद्रा सदैव शुभ फल प्रदान करने वाली एवं पाताल लोक की भद्रा सदैव धन प्रदान करने वाली मानी गई है। अत: गुरुवार का संपूर्ण दिन रक्षाबंधन के लिए शुभ रहेगा। अभिजीत मुहुर्त 12.15 से 1.03 बजे तक रहेगा।

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