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दोहरी चुनौती: कोरोना के साथ मौसमी बीमारियां बनी आफत

दौसा. जिले में कोरोना के साथ अब मौसमी बीमारियां भी पैर पसारने लगी है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। जिला अस्पताल के आउटडोर में इन दिनों 1 हजार 300 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें जुकाम, खांसी व बुखार के मरीज अधिक हैं। जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ गई। ऐसे में चिकित्सा विभाग के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। एक तरफ कोरोना का प्रसार लगातार बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मौसमी बीमारियां भी फैलने लगी हैं।

जिले अस्पताल के आउटडोर में एक पखवाड़े से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जुलाई माह में प्रतिदिन आउटडोर जहां एक हजार से कम रहा। वहीं अब प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को जहां करीब 1300 मरीज आए। वहीं सोमवार को 1309 मरीज अस्पताल पहुंचे। 10 अगस्त को 1169, 11 को 959, 12 को 645, 13 को 1101, 14 को 654 व 15 को 629 मरीज अस्पताल पहुंचे। गौरतलब है कि अवकाश के दिन अस्पताल का समय आधा रह जाता है। अवकाश पर भी मरीजों की संख्या 600 से अधिक रही। इन दिनों जिला अस्पताल समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक मरीजों का तांता लगा रहता है।
पर्ची बनवाने के लिए मरीजों की लंबी कतारें लग जाती है। इसके बाद डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार भीड़ देखकर कई मरीज बिना दिखाए लौट जाते हैं। मंगलवार को भी जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों की भीड़ लगी रही। इसके बाद दवा लेने के लिए भी वितरण केन्द्र पर मरीजों को लंबी कतार में लगना पड़ा। डॉक्टरों के घर भी मरीजों की भीड़ लगी रहती है। जिला अस्पताल के अलावा बांदीकुई, महुवा, लालसोट, मण्डावर आदि बड़े कस्बों के अस्पतालों में भी मरीजों का आउटडोर व इंडोर डेढ़ गुना से अधिक पहुंच गया है।
वार्ड ठसाठस डेयर केयर वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। इसके चलते कई बार मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं रहती। इसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गत करीब दस दिन से 100 के आसपास मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। उमसभर्री गर्मी में मरीजों की भीड़ से वार्ड में परिजनों का ठहरना मुश्किल हो जाता है।
परिजन ही लाते हैं स्ट्रेचर जिला अस्पताल में लापरवाही का आलम भी देखने को मिल रहा है। परिजनों को ही स्ट्रेचर पर मरीज को लेकर अस्पताल परिसर में घूमना पड़ता है। अस्पताल में 11 ट्रॉलीमैन कार्यरत हैं, जो परिसर के हिसाब से कम हैं। नियुक्त कर्मचारी भी मौके पर नजर नहीं आते। अस्पताल में जमवारामगढ़ के रामजीपुरा से आया वृद्ध तानसिंह अपनी बीमार पत्नी को स्ट्रेचर पर लेकर घूमता नजर आया।
इनका कहना है…मौसमी बीमारियों का दौर शुरू हो गया है। कोरोना के साथ अब मौसम के बदलाव के कारण वायरल बुखार, खांसी, जुकाम, उल्टी-दस्त, एलर्जी आदि के मरीज बढ़ रहे हंै। मरीजों को शीतल पेय, ठण्डा-बासा खाना व तली हुई चीजें से परहेज करना चाहिए। साथ ही रात में ओढकऱ सोना बेहतर रहेगा।<ड्ढह्म् />डॉ. सीएल मीना, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल दौसा

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