
नशे के सौदागर अब भी बड़े स्तर पर बेच नशे की शीशियां,शहर के युवक को दबोचने के बाद भी तस्करों में नहीं है पुलिस का खौफ, राठौड़ी के आगे पुलिस बेबस





शिव भादाणी
बीकानेर। शहर के अंदर पिछले कुछ सालों से युवाओं को नशे का शौक चढ़ा है पहले अगर देखे जाया तो शहर में नशे के नाम पर सिर्फ भांग ली जाती थी लेकिन आज की युवा पीढ़ी ने बड़े शहर की तर्ज पर नशा करता है जिसमें चरस, अफीम, एमडी, गांजा शामिल है। लेकिन कुछ नशे बाज है जो मेडिकल स्टोरों पर बिकने वाले खांसी की दवाई को नशे के रुप में सेवन करते है। एक नशेबाज कम से कम से 10 शीशी रोज पी जाते है। यह शीशियां शहर में कई भी बड़ी आसानी से मिल जाती है। सरकार द्वारा बिना डॉक्टर की पर्ची के बिना कुछ दवाईयां है जो देना मना है। लेकिन कुछ मेडिकल स्टोर वाले अपने थोड़े से लालच के कारण इसको ऊंचे दामों में बेचते है।
शहर के इन स्थानों पर इस रेट पर मिलेगी
शहर के मोहता चौक, आचार्य का चौक, बड़ा बाजार, सुथारों की बड़ी गुवाड़,नत्थुसर गेट आदि इलाकों में नशे की शीशी के दाम 190 रुपये तक में मिल जाती है। लेकिन नाथ जी का धोरा, जस्सूसर गेट, गोगागेट, चाय पट्टी, शीतला गेट, गोपेश्वर बस्ती, गंगाशहर आदि इलाको में शीशी के दाम करीब 350 रुपये तक लिये जा रहे है। चाय पट्टी के एक युवक ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि चाय पट्टी में बड़ी तादाद में शीशियां बिकती है जो दिन में अलग दाम व रात को अलग दामों पर दी है जो दिन में 160 रुपये में मिल रही है तो वहीं रात आठ के बाद 290 से 350 रुपये तक मिलती है।
खुलासा ने जानी जमीनी हकीकत
खुलासा के रिपोर्टर शिव भादाणी ने इस शीशियां के बारे में तय तक गये तो चौकाने वाली बात सामने आई
हमने जाना की कुछ एमआर है जो इस धंधा में पूरी तरह से लिप्त है उनको प्रतिबंधित दवाईयां आसानी से मिल जाती है जिनसे यह अपना धंधा बड़े स्तर पर चला रहे है। मजे की बात है शहर के एक घर में पूरा परिवार ही यही काम करता है जान पहचान का कोई भी व्यक्ति घर जाकर नशे की सामान ला सकता है कभी क भार अगर तस्कर स्वयं नहीं हो तो उनके परिवार जन दे देते है। शहर के कई ऐसे घर है जहां पर नशीली शीशियां का जीखरा भरा पड़ा है। अगर देखा जाये तो अगर डीएसटी या पुलिस मुखबिर की सूचना पर दबिश दे तो भारी मात्र में माल बरामद हो सकता है। कुछ दिन पहले डीएसटी टीम ने शहर के एक युवक से भारी मात्रा में नशीली शीशियां बरामद की है। जबकि वह युवक तो तस्कर के यहां कार्य करता है लेकिन पुलिस ने उससे ही माल बरामद किया है। जबकि मुख्य आदमी तो फ रार हो गया है।
तस्कर ने अपने आपको को पुलिस से बचने के लिए राजनैताओं के शरण में जा पहुंचा है
जब युवक को पकड़ा गया तो उसने मुख्य तस्कर का नाम पुलिस के सामने खोल दिया कि मै तो इसके यहां नौकरी करता हूं पुलिस ने तुरंत उसके यहां पहुंची तब तक वह मौके से फरार हो गया था और आज तक फरार है। पुलिस उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है। पुलिस शहर से नशे को खत्म करने की सोच बना रखी है।
राठौड़ी के रुतबे के आगे पुलिस बेबस
अगर किसी को पुलिस बड़ी मुश्किल से दबोच भी ले तो राठौड़ी तुरंत पैरवी करने पहुंच जाते है। इससे पुलिस की मेहनत पर पानी फिर जाता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर शहर में राठौड़ी की दखलअंदाजी नहीं हो शहर से अपराध व नशा दस दिन में गायब कर दे।


