
कम पैसों में मालामाल होने का सपना






खुलासा न्यूज,बीकानेर। कम पैसों में मालामाल होने का सपना दिखाने वाले सटोरिए गहरे तक जड़ जमा चुके हैं। शहर समेत जिलेभर में सटोरियों के कई अड्डे हैं। इन अड्डों पर सटोरिए आराम से पर्ची काटते हैं लेकिन पुलिस बेखबर ही है। ऊंचे सपनों की चाह में अधिकतर मजदूरी पेशा लोग बर्बाद हो रहे हैं। कम राशि में ज्यादा माल कमाने का चक्कर इनको गर्त में धकेल रहा है, लेकिन इस काले कारोबार को बंद कराने में न तो पुलिस रुचि ले रही है और न ही लोगों में जागरूकता आ रही है। अब शहर के साथ साथ ग्रामीण अंचलों में भी यह धंधा जोरों पर शुरू हो गया है।
ताकि किसी को संदेह न हो
सटोरिए मुख्य रूप से ऐसी जगह चुन रहे हैं, जो सार्वजनिक स्थलों के आसपास हो और लोगों की दिनभर आवाजाही रहती हो। यहां वे आराम से धंधा चला सकते हैं। लोगों की आवाजाही रहने से एक ही जगह भीड़ रहना संदेह भी पैदा नहीं करता। शाम को यह कारोबार कुछ जोर पकड़ता है। हालात ये है कि कुछ थानों के पिछवाड़े भी पर्ची को ये काला कारोबार बदस्तूर जारी है। फिर भी पुलिस जानकर भी अनजान बनी हुई है।
कुछ जगहों पर चल रहा कारोबार
शहर के कसाईयों की बारी,जस्सोलाई क्षेत्र,मटका गली,फड़बाजार,सिक्कों के मौहल्ले,मुक्ता प्रसाद,सर्वोदय बस्ती,सोनगिरी कुंआ क्षेत्र सहित कई इलाकों में अर्से से सटोरिए धंधा चला रहे हैं। कभी-कभार पुलिस क ार्रवाई भी करती है। फिर वहीं हालात हो जाते है। अनेक बार तो पुलिस कार्यवाही की भनक इन सट्टोरियों को पूर्व में पड़ जाने के कारण वे बच निकलते है।
बना रखे हैं नियमित ग्राहक
सूत्र बताते हैं कि कई सटोरियों के पास नियमित ग्राहक हैं। मोबाइल पर इनकी लोकेशन पता करने के बाद ये किसी खास जगह पर मिलते हैं और वहीं बैठकर पर्ची कटवाते हैं। कई नियमित ग्राहक उधारी में भी काम चलाते हैं। सप्ताह-दस दिन का पैसा एक साथ जमा कराते हैं।इसमें सटोरिए को भी फायदा है। पकड़े जाने पर उसके पास ज्यादा पैसा नहीं मिलता, जिससे राशि जब्त होने से बच जाती है।


