डॉ. स्वामी का कमाल: 59 साल के मरीज को तीन स्टंट डाल दिया नवजीवन

डॉ. स्वामी का कमाल: 59 साल के मरीज को तीन स्टंट डाल दिया नवजीवन

  • खुलासा न्यूज,बीकानेर।सादुल गंज पॉलिटेक्निक कॉलेज के सामने स्थित आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. बी. एल. स्वामी एवं उनकी कार्डियक टीम ने किया चमत्कारिक कार्डियक इंटरवेंशन। रावतसर के एक मरीज सम्पत सिंह आयु 59 वर्ष जिसे पिछले साल दिसंबर महीने में, छाती में तेज दर्द के साथ सांस में दिक्कत थी। पहले मरीज के घर वालों को लगा कि कोरोना हो गया फिर कोरोना की जांच कराने के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आई फिर भी सांस में दिक्कत एवं छाती में दर्द बने रहने के कारण मरीज के परिजन आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर पहुंचे, जहां जांच में हार्ट अटैक की पुष्टि हुई ।डॉ. स्वामी ने एंजियोग्राफी की जिसमें हार्ट की सभी चारों मुख्य नशे ब्लॉक थी,अमूमन 70 प्रतिशत मरीजों में तीन मुख्य नशे होती हैं,पर इस मरीज में असाधारण रूप से चौथी नस भी थी।
    साथ ही इकोकार्डियोग्राफी में लेफ्ट वेंट्रीकल के अपैक्स में बड़ा खून का थक्का जमा हो गया था। जिसे शरीर के अन्य अंगों जैसे दिमाग, गुर्दे, लीवर, आंख एवं पैरों में जाकर एंबोलाइजेशन का रिस्क था। जिससे वह अंग खराब हो सकता था । जिसके लिए डॉ. स्वामी ने खून पतला कर थक्के को घोलने की कोशिश की । साथ ही मरीज के परिजनों ने बीकानेर से जयपुर जाकर सभी वरिष्ठ हार्ट सर्जन से सलाह ली। जहां हार्ट सर्जरी में ज्यादा रिस्क होने के कारण पिछले 3 महीने से मरीज की जयपुर के किसी भी प्रसिद्ध अस्पताल में सर्जरी नहीं हो पाई ढ्ढ फिर मरीज के परिजन थक हार कर, डॉ. बी. एल. स्वामी के पास बीकानेर वापस पहुंचे। मरीज स्वयं ने भी डॉ. स्वामी से ही उचित उपचार चाहा । फिर डॉ. स्वामी ने खून पतले की गोलियों से लेफ्ट वेंट्रीकल के थक्के को काफी हद तक घोल दिया। फिर पुन: पोजीट्रान एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी (पी.ई.टी.-सी.टी.) स्कैन जांच कराई, जिसमें यह पता चला कि हार्ट की कौनसी दीवारें जिंदा हैं, साथ ही हाइबरनेटिंग इन्फीरियर दीवार का पता लगाया, फिर तीन ब्लॉक को परसों अपने टीम के साथी अंकित, रतन,हंसराज, किशन,प्रदीप एवं नवीन के साथ खोलने की तैयारी की।अब दोबारा एंजियोग्राफी की जिसमें अब नसों में ब्लॉक भी बढ़ गया था । साथ ही चुना जम गया था । फिर चुने को स्पेशल अमेरिका और जापान से मंगवाए बैलूनो से तोड़कर फिर नसों में 3 स्टंट बिना बाईपास के इंटरवेंशन विधि से डाल दिए।
    जिससे अब मरीज को जीवन की नई उम्मीद की किरण मिली है ढ्ढ बिना चीर फाड़ के इस इंटरवेंशनल विधि में 90 मिनट में कार्डियक टीम ने सकुशल पूर्ण कर दिखाया ढ्ढ डॉ. स्वामी ने बताया उन्होंने यह सब विधियां डॉ. वी. के. त्रेहान से जी. बी. पंत अस्पताल नई दिल्ली में सीखी।इस सेंटर के निदेशक डॉ. पवन चौधरी एवं डॉ. दुर्गा स्वामी ने बताया कि सेंटर की टीम शुरुआत से ही काफी जोखिम भरे इंटरवेंशन कर रही है, जिससे अब कार्डियक मरीजों को दिल्ली एवं जयपुर जाने की संख्या में काफी कमी आयी है। साथ ही बिना चीर फाड़ के हार्ट के इंटरवेंशन से दूसरे दिन छुट्टी मिल जाती है।

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