
डॉ. संतोष ने फ्रंटफुट पर काम करके प्रसूता एवं गर्भस्थ शिशु का जीवन बचाया





खुलासा न्यूज़, बीकानेर। गर्भवती महिला की अंडेदानी में हुई गांठ का सफल ऑपरेशन कर प्रसूता एवं गर्भस्थ शिशु दोनों का जीवन बचाया। गत माह की 28 तारीख को संभव हॉस्पिटल में बीकानेर की जानी-मानी स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. संतोष सुथार ने एक जटिल किंतु सफल ऑपरेशन कर न केवल प्रसूता को अंडेदानी में हुई गांठ से निजात दिलाने का यत्न किया बल्कि इस सफल ऑपरेशन से मां और बच्चे दोनों के जीवन को भी बचाया। चूरू जिले की 25 वर्षीया गर्भवती महिला के अंडेदानी में गांठ थी और इस महिला ने चूरू तथा बीकानेर की कई स्त्री रोग विशेषज्ञों से परामर्श लिया था परंतु इस जटिल परिस्थिति के कारण कोई भी चिकित्सक महिला के इलाज हेतु जोखिम उठाने को तैयार नहीं था। सितंबर के महीने में यह महिला रोगी अपने किसी परिचित की सलाह पर एक्स-रे गली, बीकानेर में स्थित संभव हॉस्पिटल की निदेशक एवं स्त्री रोग व प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. संतोष सुथार से आकर मिली।
डॉ. संतोष सुथार ने महिला रोगी का पूर्ण शारीरिक परीक्षण करने के पश्चात निश्चित जांचें करवाई और ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के दौरान 20&20 सेंटीमीटर की गांठ को सफलतापूर्वक महिला की अंडेदानी से बाहर निकाल लिया तथा इस ऑपरेशन को अपनी सफलता की ओर अंजाम देते हुए डॉक्टर सुथार ने न केवल महिला की अंडेदानी से गांठ को ही बाहर निकाला बल्कि प्रसूता महिला रोगी तथा उसके गर्भस्थ शिशु दोनों की जान को भी कुशलता से बचा लिया।
डॉ. सन्तोष सुथार ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसी जटिलता अक्सर मरीज के लिए जानलेवा हो जाती है, अत: चिकित्सक कई बार मरीज के जीवन पर संकट को देखते हुए ऑपरेशन को टालना ही उचित समझते हैं। परंतु धैर्यपूर्वक उचित मानदण्डों के अनुसार और कुशल टीम के साथ इस तरह के जटिल ऑपरेशन का निर्णय रोगी के हित में लेना पड़ता है। चिकित्सक ने आगे बताया कि गर्भावस्था की पहली तिमाही के पश्चात इस तरह का उपचार कारगर रहता है अत: इस महिला की सर्जरी भी गर्भधारण के चौथे महीने में की गई। इससे अधिक देर करने में भी जटिलता बढऩे का खतरा रहता है। इस ऑपरेशन के बाद गर्भवती महिला स्वस्थ है जिसे 3 अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी तथा छुट्टी के 7 दिन पश्चात पुन: परीक्षण कर मरीज के स्वास्थ्य में आशातीत सुधार पाया गया। इस ऑपरेशन के दौरान संभव हॉस्पिटल की समर्पित टीम में डॉ. सन्तोष सुथार के साथ-साथ डॉ. गिरीश तंवर (एनेस्थेटिस्ट), कल्लाराम, महेष और अरुणा शामिल थे।

