
जो महिलाएं अभी तक माँ नही बन पाई है उनके लिए ये पद्दति है बहुत मददगार क्या कहती है एक्सपर्ट, देखे वीडियो






बीकानेर। इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानि आईवीएफ पद्धति को लेकर सेफ्टी से लेकर सक्सेस तक की बात मन में आती है। यह पद्धति क्या है, यह कितनी सेफ है साथ ही इसकी सक्सेस रेट कितनी है। इन सभी को लेकर हमने बातचीत की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. संतोष सुथार से। उन्होंने बताया कि इसमें आर्टिफिशयल तकनीक का उपयोग किया जाता है। आईवीएफ की जरुरत इनफर्टिलिटी में होती है। 90 फीसदी तक ऐसी दिक्कत नहीं आती, लेकित 10 फीसदी में आती है। कई बार महिला में तो कई बार पुरुष में दिक्क्त आती है। लेकिन कुछ मामलों में दोनों में ही दिक्कत आती है। महिलओं में दिक्क्त जिसमें कई बार अंडा नहीं बनना, ट्यूब बंद होने जैसे समस्याएं आ सकती है। पुरुष में स्पर्म काउंट कम जैसी समस्या आ सकती है। इस स्थिति में आईवीएफ पद्धति का इस्तमाल किया जा सकता है। इसमें इंजेक्शन प्रणाली के माध्यम से अंडे बनाने का काम किया जाता है। डॉ. संतोष सुथार ने बताया कि इस पद्धति में सेफ्टी की बात की जाए तो अगर अच्छे से किया जाए तो इसमें किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है या कहा जाए की 99 फीसदी यह सेफ है। और सक्सेस रेट की बात करें तो 60 से 80 फीसदी है।
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