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रहमत के लिये रहनुमा साबित हुए डॉ नांगल,दिया नवजीवन

खुलासा न्यूज,बीकानेर। कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में बीकानेर का नाम लंबे समय से एक देदीप्यमान नक्षत्र की भांति पूरे देश में चमक रहा है और यह श्रेय जाता है बीकानेर के कुशल व दक्ष चिकित्सकों को। कैंसर सर्जरी के बेहतरीन परिणाम देने वाले संस्थान श्रीमती ऊमादेवी भतमाल मेमोरियल नांगल कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार नांगल ने हर बार की भांति इस बार भी कैंसर पीडि़त निर्धन मरीज की न केवल जान ही बचाई अपितु एक विशेष तरह की सर्जरी कर बीकानेर का नाम पुन: रोशन भी किया। 52 वर्षीय घड़साना निवासी रहमत के बाएं हाथ में ऊपर कंधे के नीचे की तरफ 3 महीने से सूजन व दर्द की शिकायत थी और धीरे-धीरे वह दर्द इतना बढ़ गया कि हाथ से सामान्य काम करने अथवा हाथ को घुमाने में भी मुश्किलें आने लगी। तत्पश्चात हाथ में 1 महीने पहले एक गांठ भी बन गई जो कि लगभग 8&10 सेंटीमीटर की हो गई थी। इतनी परेशानी होने पर रहमत ने हड्डी के डॉक्टर को तुरंत दिखाया तो उसे पता चला कि ह्यूमरस ऊपरी हिस्से में एक गांठ हो गई है और हड्डी भी गल कर टूट गई है। हड्डी के डॉक्टर ने यह आशंका जताई कि यह कैंसर भी हो सकता है। मरीज की एमआरआई तथा बायोप्सी करवाने से यह पता चला कि हाथ की हड्डी में ह्यूमरस के ऊपरी हिस्से में कैंसर है परंतु खून की नसें एवं तंत्रिकाएं कैंसर की गांठ से अभी भी दूर है। अत: कंधे से हाथ को निकालकर अलग करने की सलाह दी गई।
रहमत ने बीकानेर आकर यहां के सुविख्यात कैंसर अस्पताल ‘श्रीमती ऊमा देवी भतमाल मेमोरियल नांगल कैंसर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर’ के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. जितेंद्र नांगल से इस हेतु उचित परामर्श प्राप्त किया और डॉ. नांगल ने भी उन्हें ऑपरेशन की ही सलाह दी। परंतु डॉक्टर नांगल के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती थी कि इस ऑपरेशन के दौरान कैंसर से ग्रसित हड्डी को निकालकर पूरे के पूरे हाथ को बचाया जाए। इस तरह के ऑपरेशन में टाइटेनियम के मॉड्यूलर प्रोस्थेसिस काम में लिए जाते हैं जिनकी कीमत करीबन एक से सवा लाख रुपए तक आती है। परंतु मरीज की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर कम लागत में मरीज के हाथ को बचाना डॉक्टर के लिए विशेष चुनौतीपूर्ण काम था।
चार घंटे चला ऑपरेशन
मरीज का यह चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन गत नवंबर की 30 तारीख को किया गया। साढ़े चार घंटे चले इस ऑपरेशन के दौरान हाथ की हड्डी ह्यूमरस के ऊपरी हिस्से के कैंसर को निकाला गया। जिसमें कैंसर की गांठ के साथ-साथ आसपास के मांस को भी निकाला गया। कंधे के जॉइंट और हाथ की हड्डी के हिस्से को के नेल, बोन सीमेंट एवं प्रोलीन मैस से वापस हड्डी जैसा प्रोस्थेसिस बनाकर लगाया गया और इस जटिल प्रक्रिया को अपनाकर डॉ. जितेंद्र नांगल ने मरीज के हाथ को कटने से सफलतापूर्वक बचा लिया तथा कैंसर जैसी बीमारी से भी मरीज को निजात दिलाई।
इस टीम का रहा सहयोग
सफलतापूर्वक अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन की टीम में वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉक्टर जितेंद्र नागल के साथ-साथ सहायक सर्जन डॉ अमिताभ सुथार, एनएसथेटिस्ट के रूप में डॉ. सुमन सिंह चौधरी तथा अन्य स्टाफ के रूप में बाबू,करण जगदीश,अरुणा और सचिन शामिल हुए। विस्तृत चर्चा के दौरान डॉ जितेंद्र नांगल ने बताया कि हमारा उद्देश्य न केवल कैंसर के खिलाफ लडऩा ही है बल्कि विभिन्न तरह की जटिल कैंसर सर्जरी बीकानेर में मुमकिन कर कम कीमत में सुलभ उपचार प्रदान कर निर्धन लोगों की सेवा करना भी है।

 

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