
ऊर्जा मंत्रालय, कोल इंडिया के अफसरों से मिले डॉ.कल्ला, राजस्थान को रोड़ ट्रॉसपोर्ट से शुरु होगी कोयल की आपूर्ति






नई दिल्ली। केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय और कोल इंडिया लि. राजस्थान के बिजली घरों को सडक़ मार्ग से सीधे कोयले की आपूर्ति करेगा। राजस्थान के थर्मल पावर स्टेशनों में कोयल की उपलब्धता न होने से ’यादात्तर बिजलीघर बंद होने से छाए गंभीर बिजली संकट के बीच ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला और ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने नई दिल्ली में ऊर्जा विभाग व कोल इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की। डॉ. कल्ला ने बताया कि राजस्थान में प्रतिदिन 4.5 रैंक कोयले की आपूर्ति होनी है लेकिन पिछले दिनों में & रैक भी वहीं मिल रहे। जिसके कारण थर्मल स्टेशनों में बिजली उत्पादन रुप है। राजस्थान सरकार 20 रु. प्रति यूनिट के उ”ातम दर पर भी बिजली खरीद कर उपलब्ध करा रही है। लेकिन उत्तर भारत के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि रा’यों में भी बिजली संकट है इसलिए बिजली न मिलने से मजबूरी में बिजली कटौती करनी पड़ रही है। झारखंड बिहार, छत्तीसगढ़ कोल इंडिया का कहना है कि कोयला खदानों में ’यादा वर्षा से पानी भर गया है उत्पादन प्रभावित हो रहा है। साथ ही ट्रेन के रैक नहीं मिलने से अब रोड़ ट्रासपोर्ट से कोयला पहुंचाया जायेगा। हांलाकि यह प्रक्रिया महंगी पडेगी लेकिन कोयला पहुंचाने बिजली घर शुरु होंगे और 5-7 दिन में बिजली आपूर्ति सामान्य हो जायेगी। डॉ. कल्ला ने ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि राजस्थान को जो कोयल कम मिला उसे प्रतिदिन 9 रैक कोयल देकर भरपाई की जाय। डॉ. कल्ला ने बताया छबड़ा थर्मल स्टेशन की दो इकाईयां शुरु हो गई है। जिससे कुछ राहत मिलेगी।
ज्ञातव्य है कि राजस्थान में कोयले की कमी से बिजली का संकट गहरा गया है। कालीसिंध और सूरतगढ़ थर्मल प्लांट की सभी यूनिट ठप हो गई हैं। बिजली उत्पादन गड़बड़ाने से प्रदेश के ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में अघोषित कटौती शुरू हो गई है। बिजली की किल्लत के चलते सीलिंग तोडकऱ 18 रुपए प्रति यूनिट तक महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है।


