डॉ. बी.एल. स्वामी ने दुष्प्रचार करने वाले पर किया 2 करोड़ की मानहानि का दावा मेडिकल बोर्ड ने डॉ. स्वामी को प्रथम दृष्टया दी क्लीन चिट

डॉ. बी.एल. स्वामी ने दुष्प्रचार करने वाले पर किया 2 करोड़ की मानहानि का दावा मेडिकल बोर्ड ने डॉ. स्वामी को प्रथम दृष्टया दी क्लीन चिट

डॉ. बी.एल. स्वामी ने दुष्प्रचार करने वाले पर किया 2 करोड़ की मानहानि का दावा मेडिकल बोर्ड ने डॉ. स्वामी को प्रथम दृष्टया दी क्लीन चिट

बीकानेर: आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर और इसके प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बी.एल. स्वामी के खिलाफ लगाए गए बदनामी के आरोपों के बीच मेडिकल बोर्ड ने प्रथम दृष्टया डॉ. स्वामी को क्लीन चिट दी है, वहीं अब इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। 25 अगस्त 2025 को रामनिवास कुकना, कृष्णा गोदारा, और हरि राम गोदारा सहित 8-10 व्यक्तियों ने बिना अनुमति के अस्पताल परिसर में घुसकर डॉ. स्वामी पर मरीज रामेश्वर लाल की मृत्यु का गलत इलाज और पेसमेकर लगाने का आरोप लगाया था। आरोपियों ने सोशल मीडिया, न्यूज चैनलों और अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन के जरिए अपमानजनक बयान दिए, जैसे “डॉ. स्वामी ने सैकड़ों लोगों को मार दिया”, “अस्पताल में गोरखधंधा चल रहा है”, और “बी.एल. स्वामी नरभक्षी है”, जिससे डॉ. स्वामी और अस्पताल की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा।

एफआईआर की कार्रवाई
डॉ. टीकम चंद स्वामी, आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर के प्रबंधक, ने इस घटना की शिकायत दर्ज कराई है। 06 अक्टूबर 2025 को सादुल गंज थाने में दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर नंबर: 334001) के अनुसार, 24 अगस्त 2025 को दोपहर 7:54 बजे आरोपियों ने बिना अनुमति के अस्पताल में घुसकर डॉ. बाबूलाल स्वामी (डॉ. बी.एल. स्वामी) के चैंबर में हंगामा किया। उन्होंने 10 लाख रुपये की मांग की और डॉ. स्वामी को धमकी दी कि पैसे न देने पर उनकी सामाजिक और टीवी चैनलों पर बदनामी की जाएगी। आरोपियों ने दावा किया कि डॉ. स्वामी ने गलत पेसमेकर लगाकर रामेश्वर लाल की मृत्यु का कारण बना। इस दौरान उन्होंने हिंसा की, अस्पताल स्टाफ और मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया, और वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए हंगामा फैलाया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 और राजस्थान मेडिकेयर सेवा संस्थान (हिंसा और संपत्ति क्षति निवारण) अधिनियम, 2022 के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें धारा 115(2), 189(2), 308(2), 351(2) BNS और अन्य प्रावधान शामिल हैं। मामले को लेकर जाँच अधिकारी दिग्पाल सिंह ने बताया की फिलहाल मेडिकल बोर्ड ने डॉ. बाबुलाल स्वामी को इलाज मे लापरवाही का दोषी नहीं माना है, अन्य मुद्दों पर जांच जारी है।

मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज, बीकानेर के आदेश पर गठित मेडिकल बोर्ड ने 13 सितंबर 2025 को रामेश्वर लाल (उम्र 52) की मृत्यु की जांच की। रिपोर्ट में पाया गया कि मरीज को 22 अगस्त 2025 को चक्कर और बेहोशी की शिकायत के साथ आईसीयू में भर्ती किया गया था। पेसमेकर पॉकेट में मवाद और खराब स्वच्छता पाई गई, जिसका मरीज ने पहले उचित उपचार नहीं करवाया था। मरीज का एंटीबायोटिक और अन्य दवाओं से इलाज हुआ, और पेसमेकर सफलतापूर्वक बदला गया। पोस्टमार्टम में पेसमेकर की डोरियां सही पाई गईं। बोर्ड ने प्रथम दृष्टया डॉ. स्वामी में कोई लापरवाही नहीं पाई, हालांकि अंतिम राय मृत्यु के कारण की विस्तृत रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।

मुआवजे की मांग
डॉ. स्वामी ने आरोपियों के दुर्भावनापूर्ण बयानों से हुई मानसिक पीड़ा, वित्तीय नुकसान, और प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। इन आरोपों से मरीजों का अस्पताल पर भरोसा कम हुआ, जिससे डॉ. स्वामी की पेशेवर छवि और आजीविका प्रभावित हुई है।

डॉ. स्वामी की प्रतिष्ठा
2020 में स्थापित आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर और डॉ. स्वामी, जिन्होंने एक लाख से अधिक मरीजों का इलाज किया है, बिकानेर और राजस्थान में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने आरोपों को निराधार साबित किया है।

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