डोटासरा ने सरकार पर उठाए सवाल फिर डेमेज कंट्रोल
जयपुर ग्रेटर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को सस्पेंड करने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों में मतभेद सामने आ रहे हैं। मामले पर मंगलवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम के पूरे एपिसोड से बचा जा सकता था। डोटासरा का यह बयान मेयर को सस्पेंड करने के फैसले पर सवालिया निशान लगाता है।
डोटासरा ने आगे कहा कि नगर निगम में जो भी घटनाक्रम हुआ, वह मीडिया के साामने हुआ है। किसी भी तरह इस एपिसोड से बचा जाना चाहिए था। लेकिन बाद में जो जांच रिपोर्ट आई वह गंभीर आई है। अब न्यायिक जांच हो रही है तो हमें न्यायिक जांच का इंतजार करना चाहिए।
डोटासरा ने कहा कि आपको पता है भैरोसिंहजी शेखावत के सीएम रहते तत्कालीन मंत्री देवीसिंह भाटी ने आईएएस के साथ मारपीट की थी। भैरोंसिंहजी ने मंत्री पद से इस्तीफा ले लिया था। मेरा मानना है कि आपको यह सब नहीं करना चाहिए था, लेकिन जब जांच रिपोर्ट खिलाफ हो तो कार्रवाई करनी पड़ती है।
धारीवाल के फैसले से अंदरूनी तौर पर कई नेता सहमत नहीं
डोटासरा के बयान के मायने सही हैं कि वे मेयर को अचानक सस्पेंड करने के फैसले को सही नहीं मानते। डोटासरा ने सीधे तौर पर तो नही कहा, लेकिन घुमा फिराकर यही कहने का प्रयास किया है। बताया जाता है कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने यह फैसला अपने स्तर पर ही किया, पार्टी संगठन से इस पर कोई राय नहीं ली गई। अब जब इस फैसले पर पार्टी की जनता में छवि खराब हो रही है तो कांग्रेस संगठन ने इससे एक तरह से किनारे कर लिया है। कांग्रेस के नेता सौम्या गुर्जर की आलोचना करने से बच रहे हैं। जयपुर में कांग्रेस के कई विधायक भी इस फैसले से सहमत नहीं हैं लेकिन राजनीतिक मजबूरी के कारण चुप हैं।