
क्या दीपावली कोचिंग में पढऩे वाले बच्चों के नहीं होती, कहां है शिक्षा विभाग, नियम सिर्फ स्कूलों के लिए जारी





क्या दीपावली कोचिंग में पढऩे वालों बच्चों के नहीं होती, कहां है शिक्षा विभाग, नियम सिर्फ स्कूलों के लिए जारी
बीकानेर। दीपावली से पहले शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर 13 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक शालाओं में अवकाश घोषित किया है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्त चेतावानी दी है कि सरकारी अवकाश के दौरान कोई भी स्कूल संचालक अपनी शाला संचालित करता पाया गया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। लेकिन वहीं दूसरी तरफ शहर में चल रहे कोचिंग सेंटरों पर कोई अवकाश नहीं और ना ही शिक्षा विभाग का कोई आदेश इनके लिए निकाला है। क्या शिक्षा विभाग या सरकार का इन कोचिंग सेंटरों पर कोई नियंत्रण नहीं है। जहां एक तरफ बच्चे दीपावली त्यौहार को लेकर उत्साहित है तो वहीं कोचिंग सेंटरों की मनमानी के आगे हताश भी है। क्या कोचिंग में पढऩे वाले बच्चों व स्टाफ के दीपावली का त्यौहार नहीं आता। जानकारी ऐसी मिली है कि कोचिंग सेंटरों के संचालकों ने किसी तरह का अवकाश नहीं रखा है और 13 से 18 अक्टूबर तक कोचिंगों के आने का बोल दिया है। इसको लेकर अभिभावकों में भी अलग अलग विचार है कि बच्चों के साथ अगर दीपावली पर कही बाहर जाये तो कैसे जाये बच्चों के अवकाश नहीं अगर स्कूलों में अवकाश हो गया तो अब कोचिंग संचालकों ने अवकाश नहीं किया है। अगर देखा जाये तो कोचिंगों के बच्चे पूरे साल पढ़ते है तो क्या उनको त्यौहार मनाने की आजादी नहीं है।
क्या प्रशासन लाचार है कोचिंग सेंटरों के आगे
जिस तरह की व्यवस्था है उससे ये लगता है सरकार व शिक्षा विभाग दोनों ही इन कोचिंग सेंटरों के संचालकों के आगे लाचार है इन पर कोई नियम कानून नहीं है। ये अपनी मनमर्जी से अपनी व्यवस्थाओं को करते है।
आखिर क्या करें स्टाफ
सरकार के सख्त आदेशों के बाद स्कूलों में अवकाश घोषित होने की सूचना लगातार आ रही है लेकिन फिर वहीं मनमानी अब अगर बच्चे नहीं बुलाने और शैक्षिणक कार्य नहीं करवाना है तो स्टाफ को 13 से 18 तक आने के लिए बाध्य कर दिया है। किसी भी तरह से स्कूल खुलने चाहिए बच्चों को राहत दी कि स्टाफ पर पांबदी लगा दी है। आखिर स्कूल संचालक ऐसा क्यों करते है क्या उनके परिवार में त्यौहारों का कोई महत्व नहीं है।
स्कूल संचालकों का रोषश्
जब खुलासा न्यूज ने स्कूल संचालकों को इस पर बात की तो उनमें रोष है उनका कहना है अगर शिक्षा विभाग के आदेशानुसार सभी स्कूलें बंद होती है तो हमें कोई एतराज नहीं है और ये नियम कोचिंग सेंटरों पर होना चाहिए क्योकि कोचिंग सेंटरो के संचालकों द्वारा कहा जाता है कि स्कूलों में अवकाश होते रहते है हम बच्चों को बराबर पढ़ाते है इसलिए आप कोचिंग में बच्चों को भेजे। हम सरकार के हर आदेश मानने को तैयार है और मानते है लेकिन आदेश सभी के लिए होना चाहिए। भेदभाव की भावना नहीं होनी चाहिए।

