
राइट-टू हेल्थ बिल को लेकर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त, बस औपचारिक घोषणा बाकी








बीकानेर। पिछले काफी दिनों से प्रदेश सरकार द्वारा राइट-टू- हेल्थ बिल को लेकर निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने हड़ताल कर रखी थी जिससे पूरे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। जानकारी ऐसी मिली है कि डॉक्टरों व सरकारी के बीच कुछ मांगों पर सहमति बन गई है इसको लेकर अलग अलग जिलों से कोर्डिनेटर बुलाये है। हड़ताल लगभग समाप्त हो चुकी है बस इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। राइट टू हेल्थ बिल अभी निजी अस्पतालों में लागू नहीं होगा
1. 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है।
2. सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के हुई है और रियायती दर पर बिल्डिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा।
3. ये अस्पताल आरटीएच के दायरे में आएंगे-
- निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल
- पीपीपी मोड पर बने अस्पताल
- सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति उनके अनुबंध की शर्तें)
- अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं(भूमि और बिल्डिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित)
4. राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा
नमूना
5. आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस केस और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे
6. अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम होगा
7. फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में करवाया जाएगा
8. नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो, आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा
