
गैगस्टर पर जिला पुलिस कसेगी नकेल,गैंग की पूरी कुंडली तैयार करने के दिये निर्देश






चूरू। बीकानेर रेंज आईजी ओमप्रकाश ने गुरुवार दोपहर पुलिस लाइन सभागार में पुलिस अधिकारियों की क्राइम बैठक ली। बैठक में आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि बीकानेर संभाग के चूरू, हनुमानगढ़,श्रीगंगानगर और बीकानेर में गैंगस्टरों पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशन हंटर शुरू किया गया है। जिसके लिए सभी जिलों में टीम बना दी गई है। टीम में काम करने वाले पुलिस अधिकारी गैंगस्टर की पूरीकुंडली तैयार करेंगे। जिसमे गैंगस्टर को फाइनेंशियल और अन्य संरक्षण देने वालों की भी लिस्ट तैयार की जा रही है, अगर कोई भी गैंगस्टर कोई अपराध करता है तो पुलिस की ओर से तैयार की गई कुंडलीउसका पूरा डाटा बता देगी। जिससे पुलिस को कार्रवाई करने में आसानी होगी।आईजी ओमप्रकाश ने कहा कि आजकल अपराध का ट्रेंड बदल गया है। अपराधियों से सीधी मुठभेड़ हो रही है, लेकिन पुलिस के पास भी उन्हें जवाब देने के लिए ऑटोमेटिक हथियारों की कोई कमी नहीं है।उन्होंने बताया कि पुलिस साइबर पेट्रोलिंग कर रही है। जिसमें सामने आया कि हजारों नाबालिग गैंग की चपेट में आ रहे हैं। बैठक में गैंगस्टर रोहित गोदारा और उसके गुर्गों की भी चर्चा हुई। जिसमें आईजी नेकहा कि पुलिस को जल्दी ही उसे गिरफ्तार करने में भी सफलता मिलेगी। बैठक में संगठित अपराधों शराब तस्करी, मादक पदार्थ, जुआ-सट्टा और फिरौती मांगने पर लगाम लगाए जाने, ग्राम रक्षक योजना केप्रभावी क्रियान्वयन आदि को लेकर पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए।साइबर सेल की टीम ने किया स्पेशल काम
जिले की साइबर सेल की टीम ने अक्टूबर से दिसम्बर महीने तक गायब हुए 72 मोबाइल को ट्रेस कर वापस ढूंढ लिया है। बैठक के दौरान आईजी ने जिन 72 लोगों के मोबाइल चोरी और गायब हुए थे।उनको आईजी ने वापस दिया। वहीं आईजी ओमप्रकाश ने साइबर सेल के इस कार्य की प्रशंसा की। मोबाइल ट्रेस करने वाले पुलिसकर्मियों में डीएसटी और साइबर सेल के हेड कॉन्स्टेबल भागीरथ, हेड कॉन्स्टेबल सुरेन्द्र, कॉन्स्टेबल धर्मवीर सिंह, रमाकांत, सत्यवान, रवि कुमार, सुनील कुमार और शीशराम की टीम ने यह उत्कृष्ट कार्य किया है।आईटी एसएसओ की रैंकिंग में चूरू नंबर वन आईजी ने बताया कि पूरे देश में रेप, महिला अत्याचार और पोक्सो के मामले में 60 दिनों में चालान पेश करने के मामले में चूरू जिला देश में नंबर वन पर है, जबकि पूरे प्रदेश में भी चूरू नंबर वन की स्थितिपर बना हुआ है। चालान पेश करने से पहले मॉनिटरिंग के लिए पुलिस अधिकारी भी पूरे मामले की जांच करते हैं।


