
जिला कलक्टर ने संपूर्ण जिले में डीजे पर लगाई पाबंदी






नागौर जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने आदेश जारी कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के आमजन को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में वातावरण शांतिमय बनाए रखने के लिए सम्पूर्ण जिले में तीव्र विस्तारक यंत्र डीजे के प्रयोग पर एक दिसम्बर से पूर्ण रूप से पाबन्दी लगा दी है।कलक्टर की ओर से जारी आदेशानुसार जिले में डीजे के विभिन्न आयोजनों में उपयोग करने के परिणामस्वरूप शोरगुुल उत्पन्न होता है तथा अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से सामान्य व्यक्ति की शांतिभंग होती हैं एवं छात्र समुदाय की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है। रात्रि में वृद्ध बीमार व्यक्तियों को भी काफी असुविधा होती है। आदेशानुसार कोई भी व्यक्ति या उनका समूह प्रतिनिधि किसी प्रकार का समारोह आयोजन के लिए तीव्र ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना अनुमति के नहीं करेगा। कोई व्यक्ति संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति प्राप्त करके ही इसका उपयोग कर सकेगा। यह अनुमति रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के मध्य नहीं दी जाएगी। स्वीकृति पश्चात ध्वनि प्रदूषण का स्तर चारदीवारी में 10 डीबी से 75 डीबी से कम हो तथा किसी निजी स्वामित्व की ध्वनि प्रणाली का उपयोग 5 डीबी से अधिक नहीं होगा। साथ ही कोई भी व्यक्ति मोटरयान का अनाधिकृत रूप से तीव्र ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे के रूप में प्रयोग नहीं करेगा। ऐसा करता पाया जाने पर मोटरयान अधिनियम 1988 एवं मोटरयान अधिनियम 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत अर्थदंड या कारावास अथवा दोनों से दंडित किया जाएगा। साथ ही आदेशों के उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188, राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1963, मोटरयान अधिनियम 1986 एवं ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिले में डीजे सीज करने का अभियान शुरू, पहले दिन चार डीजे सीज किए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशानुसार परिवहन विभाग की ओर से जिले में अवैध रूप से चल रहे डीजे कारोबार पर शिकंजा कसने की कार्रवाई शुरू कर दिया है। इसे लेकर मंगलवार को अभियान की शुरुआत की गई। जिला परिवहन अधिकारी ओमप्रकाश चौधरी ने बताया कि जिले में अवैध रूप से चल रहे डीजे वाहनों को जप्त करने के अभियान के पहले दिन चार डीजे सीज किए गए। उन्होंने बताया कि इसे लेकर गठित टीम ने जिला मुख्यालय पर डेह रोड सहित डीडवाना, मेड़ता तथा डेगाना क्षेत्र से भी एक-एक डीजे वाहन को सीज कर जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय लाया गया है। चौधरी ने बताया कि अवैध रूप से चलाए जा रहे डीजे वाहनों को मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सीज करने का अभियान जारी रखा जाएगा।
जिले में साढ़े छह साल पहले लग चुकी है डीजे पर रोक नागौर. जिले में कानफोड़ू डीजे पर साढ़े छह पहले ही तत्कालीन कलक्टर व वर्तमान संभागीय आयुक्त वीणा प्रधान ने विशेष बैठक बुलाकर रोक लगा दी थी, लेकिन जिन अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी, वे उनके तबादले के साथ ही लापरवाह हो गए, जिसके चलते सोमवार को एक बार फिर नागौर एसपी श्वेता धनखड़ को डीजे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी करने पड़े।


