बदनाम हो चुका बीकानेर अब हुआ शर्मसार
– कल खोला जाएगा अकाउटेंट का बैंक लॉकर
खुलासा न्यूज, बीकानेर। कोरोना की जीवनरक्षक दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में पहले ही बदनाम हो चुके बीकानेर का सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज अब एक अकाउंटेंट के.के. गोयल की करतूत के कारण शर्मसार है। जिस समय बीकानेर में कोरोना से लोगों की ऑक्सीजन की कमी से मौत हो रही थी, उस समय सप्लाई करने वाली फर्म को समय पर भुगतान देने के बजाय उससे 65 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई। पचास हजार रुपए लेते हुए आज भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया।
देर शाम तक उसके घर पर छानबीन होती रही। उसके घर से 32.50 लाख रुपए केश मिले हैं, जबकि 48 लाख रुपए की एफडी, इंश्योरेंस और शेयर मार्केट के निवेश मिले हैं। करोड़पति एकाउंटेंट के घर पर दो प्लॉट के कागजात भी मिले है। अभी बैंक लॉकर की छानबीन होनी शेष है।
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज ने कोरोना की दूसरी लहर की पीक में ऑक्सीजन खरीदने के लिए टेंडर किए थे। इसमेंं जगदम्बा इंडस्ट्रीज ने 63 लाख पचास हजार रुपए की ऑक्सीजन उपलब्ध कराई थी। इस ऑक्सीजन का बिल समय पर दिया गया। भुगतान के लिए अकाउंटेंट के के गोयल ने एक प्रतिशत यानी 64 हजार रुपए की डिमांड की थी। इस पर पचास हजार रुपए में सौदा तय हुआ। इससे पहले परिवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत कर दी। ब्यूरो ने शिकायत की पुष्टि करते हुए मंगलवार को अपना जाल बिछा लिया।
परिवादी जैसे ही पचास हजार रुपए देकर बाहर निकला, वैसे ही उसे दबोच लिया गया। गोयल के कब्जे से पांच सौ रुपए की वो गड्?डी भी बरामद हो गई, जिस पर पहले से रंग लगा हुआ था। पुलिस निरीक्षक आनन्द कुमार को देखते ही अकाउंटेंट गोयल के होश उड़ गए। इस कार्रवाई में हेड कांस्टेबल बजरंग सिंह, राजेश कुमार, नरेंद्र सिंह, योगेेंद्र सिंह, कृष्ण मोहन, अनिल कुमार व प्रेम कुमार शामिल थे। एकाउंटेंट के खिलाफ अब आय से अधिक धन अर्जित करने का मामला भी दर्ज हो सकता हैै। उसके घर पर हुई दबिश से ही करीब एक करोड़ रुपए का सामान मिल चुका है। इसमें दो प्लॉट ककी कीमत शामिल नहीं है। लॉकर में भी कुछ राशि या फिर सोने के जेवरात मिल सकते हैंं।