
बीकानेर मूल का धु्रव चमका,की एक सूक्ष्म ग्रह की खोज





खुलासा न्यूज,बीकानेर। आमतौर खेलने कूदने की उम्र में कोई बालक एक ग्रह की खोज करें। ऐसा सुनने में आश्चर्य लगता है। लेकिन यह हकीकत है,ऐसा कमाल कर दिखाया है बीकानेर मूल के एक बालक ने। जिसने 11 वर्ष की उम्र में एक सूक्ष्म ग्रह की खोज कर बीकानेर ही नहीं बल्कि भारत का नाम भी पूरे विश्व में चमका दिया। ध्रुव के मामाजी मुकेश पारीक ने बताया कि बीकानेर मूल के ललित-एकता व्यास के 11 वर्षीय पुत्र ध्रुव जोशी ने सूक्ष्म ग्रह मंगल और वृहस्पति के बीच में पाये जाने वाले पिंड है,जिनकी उत्पति ब्रहमांड के आरंभिक दिनों में हुई थी। ये भी सूर्य का चक्कर लगाते है। इनका अध्ययन वैज्ञानिक,भविष्य में पृथ्वी से टकराने की संभावना,आगामी मिशन के पथ निर्धारण,हाल खनिज की खोज व ब्रह्मांड उत्पति के रहस्यों का पता लगाने के लिये करते है। आईएवी के तत्त्वाधान में होने वाली एस्ट्रोइड सर्च कम्पैन के अन्तर्गत ध्रुव ने ट्रेनिंग ली तथा हवाई में स्थापित पेन स्टारर्स टेलीस्कोप से प्राप्त तस्वीरों का विशेलषण करके सूक्ष्म ग्रह का पता लगाया। यह 3.41 वर्ष में सूर्य का चक्कर लगाता है। इस ग्रह को 2019-जेपी-60 का अस्थाई नाम दिया गया है। इसके सम्पूर्ण अध्ययन के पश्चात ध्रुव को इसको स्थाई नाम देने का मौका मिलेगा। ध्रुव ने बताया कि इसका नाम अपने नानाजी दाऊलाल पारीक के नाम पर रखने की इच्छा है। आपको बता दे कि बालक धु्रव अभी 12 वर्ष का है और 2019 में इस ग्रह की खोज की थी। उस समय उसकी उम्र 11 वर्ष ही थी। सूक्ष्म ग्रह का पता लगाने वाला ध्रुव संभवत विश्व का अब तक सबसे कम उम्र का बालक है। संभवत गिनीज बुक आफ वल्र्ड में दर्ज किया जाएगा।


