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गहलोत के सियासी कुनबे में कलह:सरकार के आधे मंत्रियों में खींचतान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमों के बीच जारी खींचतान का दायरा बढ़ गया है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सियासी कुनबे में ही कलह खुलकर सामने आने लग गई है। गहलोत सरकार के आधे मंत्रियों की आपस में नहीं बनती, यह बात किसी से अब छुपी नहीं है। इस वजह से खींचतान जारी है। गहलोत सरकार में अभी 10 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री मिलाकर कुल 20 मंत्री हैं। 20 में से 10 मंत्रियों की आपस में नहीं बनती। कुछ के बीच मनमुटाव की खाई इतनी गहरी है कि बातचीत तक बंद है।

कभी भी फूट सकता है लावा

सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्री शांति धारीवाल और शिक्षा मंत्री, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच कैबिनेट की बैठक में हुआ विवाद सार्वजनिक होने के बाद एक बार फिर कांग्रेस की गुटबाजी सुर्खियों में है। इन दोनों का विवाद तो सबके सामने आ गया, लेकिन गहलोत के बहुत से मं​त्रियों में ‘कोल्ड वॉर’ चल रहा है, जो कभी भी लावा बनकर फूट सकता है।

‘ओल्ड गार्ड वर्सेज न्यू-कमर्स’ का पेच

मंत्रियों के बीच एक दूसरे के काम नहीं करने, इंटर डिपार्टमेंटल इश्यूज के अलावा एक-दूसरे के तबादले नहीं करने को लेकर भी नाराजगी हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, गहलोत के मंत्रियों में झगड़े की जड़ में ‘ओल्ड गार्ड वर्सेज न्यू-कमर्स’ का भी पेच है। कांग्रेस के पुराने सिस्टम में रचे-बसे मंत्रियों की नए नेताओं से नहीं बन रही। गहलोत कैबिनेट में फिलहाल कांग्रेस के पुराने सिस्टम का हिस्सा रहे मंत्री वर्सेज न्यू कमर्स का झगड़ा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो किसी तरह की अनबन से इनकार करते हुए कहा कि सब एक हैं। बेहतरीन तालमेल है। सत्ता-संगठन फेविकोल के जोड़ की तरह मजबूती से बंधे हैं।

धारीवाल-डोटासरा की लड़ाई सावर्जनिक

दो दिन पहले फ्री वैक्सीनेशन पर ज्ञापन देने की बात पर कैबिनेट की बैठक में धारीवाल-डोटासरा जमकर झगड़ चुके। इससे पहले अक्टूबर 2020 में नगर निगम टिकटों को लेकर धारीवाल और डोटासरा सीएम निवास पर आपस में खूब झगड़े थे। दोनों के बीच लंबे समय से अनबन अब सार्वजनिक हुई।

धारीवाल और खाचरियावास में खींचतान
परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और धारीवाल के बीच जयपुर के मुद्दों को लेकर अनबन है। धारीवाल जयपुर के प्रभारी मंत्री हैं, लेकिन यहां के मुद्दों पर बैठक तक नहीं की। खाचरियावास, धारीवाल की कार्यशैली और जयपुर से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी स्टाइल का विरोध करते हैं।

धारीवाल-प्रमोद जैन भाया में पुरानी अदावत अब भी बरकरार

खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल के बीच लंबे समय से छत्तीस का आंकड़ा है। प्रमोद भाया बारां जिले की राजनीति में प्रभाव रखते हैं। धारीवाल कोटा शहर में प्रभाव रखते हैं। धारीवाल और भाया की स्थानीय राजनीति में अनबन करीब दो दशक से है। दोनों में बातचीत भी नहीं है।

डोटासरा और खाचरियावास के बीच शुरू से मतभेद

गोविंद सिंह डोटासरा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच शुरू से मतभेद है। तबादलों को लेकर भी दोनों के बीच अनबन है। संगठनात्मक मुद्दों पर भी मतभेद है, लेकिन ​सार्वजनिक नहीं हुआ।

हरीश चौधरी- सालेह मोहम्मद के बीच स्थानीय राजनीति की अनबन

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सालेह मोहम्मद के बीच अनबन है। चौधरी बाड़मेर और सालेह मोहम्मद जैसलमेर जिले से हैं। दोनों के बीच स्थानीय राजनीति को लेकर अनबन है। हरीश चौधरी पहले बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से सासंद रह चुके हैं।
रघु शर्मा- सुभाष गर्ग के बीच ‘कोल्ड वॉर’

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और स्वास्थ्य राज्य मंत्री सुभाष गर्ग के बीच कई मुद्दों पर मतभेद और अनबन है। सुभाष गर्ग राष्ट्रीय लोकदल से विधायक होने के नाते गठबंधन सहयोगी हैं, गर्ग की मुख्यमंत्री तक सीधी पहुंच है इसलिए वे रघु शर्मा को ज्यादा तवज्जो नहीं देते। इससे शर्मा, गर्ग से नाराज रहते हैं। विभागीय मुद्दों पर भी मतभेद हैं।

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