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खुलासा ने पहले ही पुलिस को चेताया, हो सकती है बड़ी घटना देर रात तक खुलने वाली दुकानों बनी बदमाशों का अड्डा, फायरिंग कर फैलाता है दहशत, अभी भी समय है पुलिस चेते

बीकानेर। शहर में पिछले काफी दिनों से नशे का कारोबार चरम पर पहुंच गया शहर की मुख्य गलियों से लेकर तंग गलियों से मुख्य चौकों तक नशे के सौदागरों ने अपना ठिकाने बने रखे है। नयाशहर, कोतवाली, सदर, जेएनवीसी आदि थाना इलाकों में नशे का कारोबार बडे स्तर पर हो रहा है लेकिन पुलिस की नजर से दूर है। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी छोटे कारोबारी हत्थे चढ़ते है लेकिन मुखिया पुलिस की पकड़ से काफी दूर है। नशे के कारण शहर में अपराध का ग्राफ बहुत बढ़ गया है फायरिंग तो आजकल आये दिन हो रही है मजे की बात यह है कि पुलिस ने आज तक यह पता नहीं लगाया कि आखिर वह कौन शख्स है जो शहर में अवैध हथियारों का कारोबार करता है। आज कल पैसों का लेनदेन छोटे मोटों झगड़ों में बदमाश तुरंत फायरिंग करके मौहल्लों में दहशत फैला रहे है। खुलासा न्यूज से लगातार खबरें प्रकाशित पुलिस को चेता रहे है कि शहर में नशे का कारोबार चरम पर पहुंच गया है और जिसके कारण शहर के अंदर, लक्ष्मीनाथ घाटी, शीतला गेट, सुथारों की बड़ी गुवाड़ आदि इलाकों में कोई बड़ी घटना घटित नहीं हो जाये। जिस तरह से शहर रात को शहर का माहौल हुआ है उससे यह अंदेशा लगा सकते हो कभी भी चाकूबाजी या फायरिंग हो सकती है।
इन इलाको में पूरी रात खुली रहती है दुकानें
शहर में अगर देखा जाये तो जस्सूसर गेट, नत्थुसर गेट आदि ऐसे इलाके है जहां दुकानें ज्यादात्तर पूरी रात खुली रहती है जहां पर बदमाशों का जमावड़ा रहता है। इसी का कारण गुरुवार को देर रात्रि को जस्सूसर गेट के बाहर तीन युवकों ने एक युवक पर फायरिंग कर दहशत फैलाई। जबकि पुलिस थाना ज्यादा दूुर नहीं है।
नयाशहर बना अपराधियों को सुरक्षित अड्डा
अगर देखा जाये तो नयाशहर पुलिस थाना अपराधियों का सुरक्षित अड्डा बन गया है जहां पर आये दिन फायरिंग चोरी लूट आदि घटनाएं आम होती जा रही है। जस्सूसर गेट पर शाम होते ही सडक़ के किनारे खाने पीने की दुकानों का अंबार लग जाता है जहां बदमाशों का जमावाड़ा लग जाता है और वह मौका देखकर अपराध को अंजाम देकर भाग जाते है।
चाय की दुकानें है सबसे बड़ा अड्डा
अगर देखा जाये तो नशा का सबसे बड़ा अड्डा चाय की दुकानें है जो देर रात तक खुली रहती है वहीं पर बाहरी लोग आते है और नशा बेचते है लेकिन पुलिस की नजरों से दूर रहते है। शहर का एक स्थान तो ऐसा है जहां पर एक गली के अंदर तस्कर माल लेकर आता है और उसको छिपा देता है बाद में बाहर सडक़ पर एक चाय की दुकान पर खड़ा हो जाता है जहां पर नशा खरीदने वाला आता है और पैसे दे देता है तो वह गली मे जाकर नशा लाकर उसको दे देता है। इस कारण पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे है। इतना सब कुछ होने के बाद पुलिस किसके दबाब में तस्कारों के ठिकानों पर रेड क्यों नहीं मार रही है।
पुख्ता सूत्रोंआखिर पुलिस किसके दबाव में इन ठिकानों पर दबिश नहीं दे रही है, यह बड़ा सवाल है।
अन्य सूत्रों के मुताबिक भुट्टो का चौराहा भी तस्करों का बड़ा गढ़ है। यहां खुल्लमखुल्ला नशे की पुडिय़ा बेची जाती है। तो वहीं पूगल रोड़, मुक्ताप्रसाद, रामपुरा व सर्वोदय बस्ती के तस्कर भी चर्चित हैं। इसी तरह शहरी परकोटे के भीतर मोहता चौक व जस्सूसर गेट के आसपास स्थित एक चाय की दुकान पर कुछ तस्कर एमडी व स्मैक बेचने के लिए पहुंचते हैं।
पुलिस पर राजनैतिक दबाब
जब खुलासा ने पड़ताल की तो जानकारी सामने आई कि पुलिस तो बहुत चाहती है कि शहर में दुकाने रात को 12 बजे बंद हो जाये लेकिन उन पर राजनैतिक दबाब के चलते वो कुछ नहीं सकती है। जिसका परिणाम सामने है खुलेआम फायरिंग होती है तो कभी चाकूबाजी होती है।
छात्रसंघ के चुनाव सिर पर
एक तरफ अपराध का ग्राफ बढ रहा है वहीं दूसरी तरफ छात्रसंघ चुनाव सिर पर जिससे शहर में छात्र नेताओं का जमावड़ा रहेगा पहले भी छात्रसंघ चुनावों में शहर में मर्डर हो चुका है पुलिस उससे सीख लेते हुए समय पर देर रात को खुलने वाली दुकानें व भीड़ को एकत्रित नहीं होने दे नहीं तो फिर कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है।

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