
इतना विरोध होते हुए भी भाजपा ने सारस्वत पर क्यों जताया विश्वास? पढ़ें यह रिपोर्ट






खुलासा न्यूज बीकानेर। श्रीडूंगरगढ़ से बीजेपी ने संघ पृष्ठभूमि से आने वाले ताराचंद सारस्वत को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा है। बीजेपी के विश्वास पर ताराचंद कितने खरे उतर पाएंगे यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन अब श्रीडूंगरगढ़ की गलियों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि ताराचंद का विरोध होते हुए भी आखिर बीजेपी ने टिकट उन्हें क्यों दे दिया? यहां विरोध की बात इसलिए हो रही है कि हाल ही में यहां से बीजेपी के अन्य दावेदारों सहित बीजेपी के कुछ बड़े कार्यकर्ताओं ने दिल्ली पहुंचकर केन्द्रीय मंत्रियों के सामने यह बात रखी थी कि तारांचद को छोड़कर किसी को भी टिकट दे दिया जाए, हम उसके साथ है और जीताने की भी गारंटी लेते है। अब ताराचंद को टिकट मिल गया तो उस विरोध की चर्चा चारों ओर हो रही है कि इतना विरोध होते हुए बीजेपी ने टिकट कैसे दे दी? इस सवाल के जवाब को ढूंढने के लिए खुलासा न्यूज पोर्टल ने कुछ पार्टी सूत्रों से बात की। जिसमें प्रमुख रूप से यह बात निकलकर सामने आई कि किसान और व्यापारी परिवेश से आने वाले ताराचंद सारस्वत पिछले चुनाव में श्रीडूंगरगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार थे और तीसरे नंबर पर रहे थे। संगठन स्तर पर ताराचंद सारस्वत का दावा बहुत मजबूत था। संगठन के एक बड़े पदाधिकारी ने उनके टिकट के लिए काफी जोर अजमाईश की थी। इसी कारण एक पक्ष उनका विरोध करने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के पास भी पहुंचा था। सोमवार को जारी पहली सूची में ही ताराचंद को प्रत्याशी घोषित किया गया। जब कुछ टिकट दावेदारों ने विरोध किया तो बड़े नेताओं ने समझा दिया था कि विरोध बेअसर ही साबित होगा, क्योंकि ताराचंद का टिकट तय है। इसके बाद विरोध करने वालों में अधिकांश ने ये कहते हुए अपने पांव खींच लिए थे कि अगर संगठन ताराचंद सारस्वत को टिकट देती है तो वो उनके साथ रहेंगे। हालांकि विरोध करने वाला का यह आश्वासन पार्टी के लिए अडिग़ रह पाएगा या नहीं, यह तो तीन दिसंबर को आने वाले परिणामों का पता चलेगा। फिलहाल चर्चा जोरों पर है।


