
देशनोक के रहने वाले हथियार सप्लायर को पुलिस ने तांत्रिक के वेश में पकड़ा







देशनोक के रहने वाले हथियार सप्लायर को पुलिस ने तांत्रिक के वेश में पकड़ा
बीकानेर। नागौर में पुलिस से बचने के लिए हथियार सप्लायर तांत्रिक बन गया। भनक लगी तो पुलिस वेश बदलकर पीडि़त बनकर तांत्रिक के पास गई। तांत्रिक पुलिसकर्मी के बाल पकडकऱ तंत्र-मंत्र करने लगा। इस दौरान पुलिस ने आरोपी का असली
नाम पुकारा तो वह घबरा गया। पुलिस ने तांत्रिक को पकड़ लिया। जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने शनिवार को बताया कि
साइलोनर टीम ने 25 हजार रुपए के वांटेड भीमदान (40) को गोटन (नागौर) से गिरतार किया है। शुक्रवार रात 12 बजे
पुलिस पहुंची तो आरोपी धूणी लगाकर बैठा था। भीमदान 5 साल से फरार था। वह देशनोक (बीकानेर) का रहने वाला है। उसके
खिलाफ 3 जिलों चूरू, बीकानेर, जैसलमेर में हथियार सप्लाई, लूट, डकैती के 12 मामले दर्ज है। उस पर 25 हजार का इनाम रखा गया था। साइलोनर टीम आरोपी भीमदान को पकडऩे के लिए एक महीने से जानकारी जुटा रही थी। उनके नजदीकी लोगों को ट्रेस किया तो पता चला कि भीमदान तांत्रिक का वेश बनाकर घूम रहा है। उसने मोबाइल बंद कर रखा था। वह नागौर, बीकानेर और जैसलमेर में धूणी लगाकर लोगों की समस्याएं दूर करने और इलाज करने का ढोंग करता था। तांत्रिक के रूप में खुद यजमान के पास पहुंचता था। बात करने के लिए यजमानों के मोबादल का ही इस्तेमाल करता था। काफी समय से उसने नागौर के गोटन इलाके में धूणी लगा रखी थी। साइलोनर टीम को एक मुखबिर से सूचना मिली कि भीमदान भैरूगिरी महाराज के रूप में नागौर के गोटन में है। पुलिस टीम ने उसे दबोचने का प्लान बनाया। साइलोनर टीम के पुलिसकर्मी शुक्रवार देर रात 12 बजे यजमान बनकर
तांत्रिक भैरूगिरी की धूणी पर पहुंच गए। वहां उसे एक पुलिसकर्मी ने समस्या बताई। भैरूगिरी ने पुलिसकर्मी के बाल पकड़े और
तंत्र-मंत्र पढकऱ इलाज करने लगा। इस दौरान दूसरे पुलिसकर्मी ने कहा- यों भीमदान, हाल है? यह सुन भैरूगिरी बना भीमदान घबरा गया। इसके बाद पुलिस टीम ने उसे गिरत में ले लिया। ऑपरेशन क ा नाम रखा था गया वेदी जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बतायासाइलोनर टीम की यह 60 वीं सफलता है। इस ऑपरेशन को गया वेदी नाम दिया गया था। भीमदान उर्फ भवदान पिता की मौत का बदला लेने के लिए अपराधी बना था। उसने गया (बिहार) जाकर पितरों की शांति के लिए वेदी बनाई थी और पिंड दान किया था। इसीलिए ऑपरेशन का नाम गया वेदी रखा। जानकारी में सामने आया कि 2010 में उसके पिता मोहन दान की मौत हो गई थी। वह पिता की मौत का बदला लेना चाहता था। पिता की मौत के बाद बीकानेर से भागकर वह
मध्यप्रदेश के अमरावती इलाके में फर्नीचर का काम करने लगा था। उसने वहां चाचा से हथियार बनाना सीखा। हथियार बनाने की कला लेकर वह राजस्थान आ गया। यहां चूरू, नागौर, जोधपुर, बीकानेर इलाके में अवैध हथियारों की सप्लाई करने लगा। जल्द
ही वह बड़ा हथियार सरगना बन गया। वह 12 बोर और 32 बोर बंदूकों की सप्लाई अवैध हथियार मार्केट में करने लगा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ा। मामले दर्ज किए। हथियारों के दम पर उसने हत्या का प्रयास, लूट, डकैती जैसी 12 वारदातों को अंजाम दिया। पुरानी गाडिय़ां बेचने का भी काम किया। जैसलमेर के रामदेवरा में उसने हथियार के दम पर 2 लाख रुपए की लूट की थी। इस घटना के बाद उसे लगा कि वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया तो लंबे समय के लिए जेल में रहेगा। ऐसे में उसने वेश बदलकर तांत्रिक का रूप धारण कर लिया था। महाराष्ट्र के नासिक में सीखा जादू-टोना आईजी विकास कुमार ने बताया- भीमदान के परिवार के कुछ लोग बीकानेर के देशनोक मंदिर में पुजारी है। ऐसे में उसने वेश बदलने के लिए तांत्रिक का रूप धरा। उसने महाराष्ट्र के नासिक में मरुपर्वत इलाके में ढाई साल तक जादू-टोना सीखा। इसके बाद राजस्थान के चूरू, नागौर, गोटन, जोधपुर ग्रामीण, बीकानेर के इलाकों में कई जगह धूणी बनाई। खूब चेले बनाए। इस तरह भीमदान तांत्रिक भैरूगिरी बन गया। वह काफी समय से तंत्र-मंत्र के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठ रहा था। पहचान छुपाकर नई जिंदगी जी रहा था।


