17 मई से 30 जून तक शिक्षको के लिए ग्रीष्मावकाश की मांग

17 मई से 30 जून तक शिक्षको के लिए ग्रीष्मावकाश की मांग

बीकानेर/ राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के महामंत्री अरविन्द व्यास ने शिक्षामंत्री को ज्ञापन भेजकर अवगत करवाया है कि राज्य के उच्च शिक्षा व स्कूल शिक्षा में कार्यरत शिक्षको के अवकाश को लेकर भिन्नता रखी जा रही है जो शिक्षको के साथ दोहरापन की नीति को दर्शा रहा है तथा साथ ही स्कूली शिक्षा में ग्रीष्मावकाश समय मे अनेक प्रकार के प्रशिक्षण का आयोजन कर विभाग इस अवकाश पर भी कैची चलाकर गृह जिले से बाहर शिक्षको को गृह जिले में परिवार के साथ रहने से वंचित कर रहा है।
संगठन के प्रदेश अतिरिक्त महामंत्री रवि आचार्य ने बताया कि 2012-13 तक शिक्षा विभाग में शिक्षकों का ग्रीष्मावकाश 17 मई से 30 जून तक रहा । उसके पश्चात शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मावकाश व मध्यावधि अवकाशों के दिनों की संख्या कम कर दी किन्तु शीतकालीन अवकाश की संख्या 7 दिन के स्थान पर बढ़ाकर 18 दिन कर दी थी ।
आचार्य ने बताया कि राज्य में अन्य विभागों के कार्मिको को ग्रीष्मावकाश नहीं मिलने के बदले 15 दिन उपार्जित अवकाश शिक्षकों की तुलना में अधिक प्राप्त होते है । वर्तमान में शिक्षा विभाग द्वारा मध्यावधि अवकाश 11 दिन के स्थान पर 10 दिन तथा शीतकालीन अवकाश वही 7 दिन ही दिया है । ऐसे में इन अवकाशों की संख्या बढाये बिना ग्रीष्मावकाश 17 जून से 30 जून 2022 के स्थान पर 17 से 23 जून 2022 तक रखा गया है जो न्यायोचित नहीं है ।
जिलामंत्री नरेंद्र आचार्य ने बताया कि वेकेशन अवकाश में भी स्कूली शिक्षा में 56 दिवस का तथा कॉलेज शिक्षा में 79 दिवस का अवकाश दिया गया हैं जबकि वकेसशन स्टाफ को एक समान लाभ मिलता रहा है स्कूली शिक्षा में भेदभावपूर्ण नीति से कम मिले अवकाशों के बदले अनुपातिक उपार्जित अवकाश के आदेश सरकार से करने की मांग के साथ साथ ग्रीष्मावकाश की अवधि 17 मई से 30 जून 2022 रखे जाने के आदेश पारित करवाकर न्याय करने की मांग की है।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |