
जीवन अधिकार संरक्षण अधिनियम की मांग को लेकर दिल्ली जाएगा प्रतिनिधिमंडल







जीवन अधिकार संरक्षण अधिनियम की मांग को लेकर दिल्ली जाएगा प्रतिनिधिमंडल
बीकानेर। “विवाहित महिला घर-मालकिन (जीवन अधिकार संरक्षण) अधिनियम” बनाने की माँग – प्रधानमंत्री के नाम से बीकानेर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा – 21 फरवरी को दिल्ली जाएगा महिलाओं का प्रतिनिधिमंडल
——-
‘अनामिका महिला अस्तित्व जागृति फाउंडेशन’ की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मंजु गुप्ता कछावा ने बताया कि इस अधिनियम में ये माँगे रखी जा रही हैं –
इस “विवाहित महिला घर-मालकिन (जीवन अधिकार संरक्षण) अधिनियम” में निम्नलिखित तथ्यों का समावेश होना चाहिए तथा पत्नी के अधिकारों के हनन को पति द्वारा पत्नी के जीवन का हनन करने का गैर-जमानती अपराध माना जाए :-
1- महिला के विवाहोपरांत व्यक्तित्व की संरक्षा व सुरक्षा हेतु निम्नलिखित प्रावधान किए जाएँ ;
(1) जिस प्रकार जन्म व मृत्यु का पंजीयन आवश्यक है उसी प्रकार विवाह का पंजीयन अनिवार्य किया जाए तथा आधार कार्ड में विवाह पंजीयन अपडेट कराना अनिवार्य किया जाए अन्यथा आधार कार्ड इनवैलिड माना जाए और आधार कार्ड से जुड़ी कोई भी सुविधाएँ न मिल सकें.
(2) स्त्री के व्यक्तित्व की संरक्षा व सुरक्षा हेतु पति अथवा किसी भी अन्य व्यक्ति के द्वारा महिला पर विवाहोपरांत उसका नाम परिवर्तन कराने हेतु दबाव नहीं डाला जाए, यदि महिला नाम परिवर्तन करने हेतु सहमत हो तो उसकी सहमति ‘नोटरी’ के समक्ष दोनों पक्षों के गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित शपथ-पत्र द्वारा लेना अनिवार्य हो.
2- महिला के विवाहोपरांत अस्तित्व की संरक्षा व सुरक्षा हेतु निम्नलिखित प्रावधान किए जाएँ ;
(1) विवाह होते ही विवाहिता को पति के घर में, जिसे कानून में ‘मेट्रीमोनियल होम’ के तौर पर परिभाषित किया गया है, पति के समान संयुक्त मालिक बनाया जाए, चाहे घर किराये का हो या स्वयं का हो! किराये पर घर लेने या देने में पत्नी को पति के साथ समान रूप से संयुक्त किया जाए, बिना पत्नी के हस्ताक्षर के न तो किरायानामा बन सके और न ही बेचनामा बन सके! पति यदि पत्नी को घर से निकालने की धमकी दे या ऐसी कोई चेष्टा करे तो इसे गैर-जमानती अपराध माना जाए.
(2) पत्नी का स्वतंत्र व एकल बैंक खाता खुलवाना अनिवार्य हो तथा गृहिणी के मामले में पति की आय से उनके जीवन-स्तर के अनुरूप समांतर राशि पत्नी के व्यक्तिगत खर्चों के लिए पॉकेट मनी के तौर पर चेक से दी जाय व उस राशि को पत्नी की संपत्ति माना जाए जिसे वह अपनी मर्जी से खर्च कर सके. वर्किंग वाइफ के मामले में पत्नी अपनी कमाई उसमें स्वतंत्र रूप से रख सके! पत्नी की कमाई किसी भी स्थिति में पति के द्वारा अपने पास रखने का अधिकार न हो! पत्नी की मर्जी के बिना उसकी कमाई पति द्वारा खर्च न की जा सके! चूँकि स्त्री विवाहोपर्यंत उसका पिछला जीवन खत्म कराकर पति के घर लाई जाती है अतः पत्नी का जीवनयापन पति की जिम्मेदारी है. पति यदि पत्नी की कमाई तथा स्त्रीधन को किसी भी बहाने से अपने कब्जे में रखे अथवा पत्नी की इच्छा के विरुद्ध उसका उपभोग करे अथवा बेचे तो इसे गैर-जमानती अपराध माना जाए. यदि पति किसी मकान अथवा संपत्ति में पत्नी का धन लगाए तो उस मकान अथवा संपत्ति पर पत्नी का ‘संयुक्त-अधिकार’ रजिस्टर कराना अनिवार्य हो तथा ऐसे मकान अथवा संपत्ति को किराये पर देने या बेचने में पत्नी की सहमति तथा उससे होने वाले लाभ में पत्नी को उसका हिस्सा दिया जाए.
(3) पत्नी को ‘मैट्रमोनीयल होम’ के हिस्से में आजीविका हेतु व्यवसाय / कार्यालय स्थापित करने का अधिकार हो इसके लिए पति द्वारा पत्नी से किराया न माँगा जाए तथा रोकटोक बाधा न की जाए चूँकि “विवाहित महिला घर-मालकिन (जीवन अधिकार संरक्षण) अधिनियम” में पत्नी मेट्रीमोनियल होम की संयुक्त-मालकिन होगी.
(4) यदि घर, जिसे कानून में ‘मेट्रीमोनियल होम’ के तौर पर परिभाषित किया गया है, के किसी हिस्से को किराए पर देने की पति-पत्नी में सहमति हो तो किराये की रकम का पति व पत्नी को बराबर-बराबर हिस्सा मिले.
(5) उक्त बिन्दु संख्या (1), (3) व (4) में वर्णित “मेट्रीमोनियल होम” जो कि कानून में परिभाषित है जिसमें पति-पत्नी निवास करते हैं उसके अतिरिक्त पति द्वारा संपत्ति के तौर पर बनाए गए अन्य मकानों तथा संपत्तियों पर जिस प्रकार पति का एकल अधिकार परिभाषित किया गया है उसमें यह “विवाहित महिला घर-मालकिन (जीवन अधिकार संरक्षण) अधिनियम” कोई प्रभाव नहीं करेगा अर्थात वे पति की ही संपत्ति रहेंगे तथा इसी प्रकार यदि पत्नी अपनी कमाई से अन्य मकान अपनी संपत्ति के तौर पर अन्य मकान अथवा संपत्तियाँ बनाती है तो उस पर पत्नी का एकल अधिकार हो.
प्रतिनिधिमंडल में संस्थापक अध्यक्ष डॉ. मंजु गुप्ता कछावा व पदाधिकारी एवं सदस्य सुश्री अनु सुथार, सुश्री अर्चना सक्सेना, सुश्री कविता शर्मा, सुश्री माया सोनी, सुश्री नीलम बंसल, सुश्री नीतू पारीक, सुश्री प्रिया पवार, सुश्री राधा खत्री, सुश्री रीटा तनेजा, सुश्री संगम रोहिल्ला, सुश्री सपना बेरवाल, सुश्री शशि गुप्ता, सुश्री शिल्पा कोचर, सुश्री शिप्रा शंकर, सुश्री सोनिका विजय, सुश्री ऊषा अरोड़ा शामिल रहीं.


