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बेपटरी सफाई व्यवस्था:जगह जगह पड़े गंदगी के ढ़ेर,थोथी वाही वाही लूट रहा है निगम,देखे विडियो
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खुलासा न्यूज,बीकानेर। केंद्र व प्रदेश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है सफाई अभियान। इस संकल्प को साकार करने के लिए व्यापक अभियान भी चलाए जा रहे हैं। जागरूकता अभियान केनाम पर पोस्टर बैनर लगाकर लाखों खर्च किये जा रहे है। लेकिन बेपटरी हो चुकी नगरीय सफाई व्यवस्था का नगर में कहीं कोई असर नहीं दिख रहा है। शहर के अति महत्वपूर्ण इलाकों में कहीं किसी कोने में चले जाइए..आपको गंदगी का अंबार अवश्य मिलेगा। यह हालात तब हैं जब नगर निगम प्रशासन स्वच्छता के नाम पर हर माह लाखों खर्च कर रही है। हालात यह है कि शहर की पीपी ब्रांच,कचहरी परिसर के आसपास दिन में हजारों की संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है। यहां से न्यायाधिपति से लेकर अधिकारियों की रेलमपेल रहती है। यह क्षेत्र भी गंदगी से अटा रहता है।
विधानसभा क्षेत्रों में भी भेदभाव
कहने को तो नगर निगम के पास सफाई कर्मचारियों की पूरी फौज है। डोर-टू- डोर कचरा संग्रहित करने वाहन भी लगाये है। यहां तक कि स्वच्छता संर्वेक्षण में उत्कृष्ट स्थान पाने कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक पसीना बहाने का भी दावा किया जा रहा है। लेकिन फिर भी नगर की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है। मंजर यह है कि सफाई व्यवस्था में भी भेदभाव की स्थिति है। विधानसभा पूर्व व पश्चिम में सफाई को लेकर अंतर देखने को मिल जाएगा। बीकानेर पश्चिम से जीते पार्षदों का आरोप है कि शहर की कालोनियों एवं वार्डो में सड़क पर अभी भी कचरे का ढेर लगा है। इससे आने-जाने वाले लोगों के अलावा आसपास निवास करने वाले लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। ऐसे में नगर निगम का सफाई के प्रति अभियान सिर्फ दिखावा भर नजर आ रहा है।
सफाई के नाम पर किया जा रहा है गोलमाल
नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था पर प्रतिमाह लाखों रूपये खर्च करती है। सफाई कर्मचारियों के वेतन से लेकर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन वाहनों के डीजल, मेंटनेंस पर यह राशि खर्च की जाती है, लेकिन व्यवस्था आज भी जस की तस बनी हुई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में नगर निगम कितनी गंभीर है,इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में कचरे के ढेर लगे हुए है। नगर निगम प्रशासन शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दम भरता है। लेकिन जब गली मोहल्लों में पसरी गंदगी को देखा जाता है तो मालूम पड़ता है कि नगर निगम प्रशासन शहर में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है। शहर की साफ सफाई को लेकर सैकड़ों सफाई कर्मचारी,ट्रैक्टर,घरों से कूड़ा इक_ा करने वाले वाहनों के अलावा अन्य मैनपावर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके शहर में स्वच्छता अभियान को न केवल पलीता लगाया जा रहा है, बल्कि लाखों रुपये बर्बाद भी किए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि सफाई के नाम पर गोलमाल किया जा रहा है।
https://youtu.be/zGSKmDxNcC4
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