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19 को फिर होगा दीपोत्सव,जाने क्या है वजह

खुलासा न्यूज,बीकानेर। धार्मिक दृष्टि से कार्तिक माह को बहुत ही विशेष और महत्वपूर्ण माना गया है। धनतेरस,दिवाली,गोवधर्न पूजा,भाई दूज और छठ का महापर्व भी इस माह में मनाया जाता है। कार्तिक माह में पडऩे वाली पूर्णिमा की तिथि को भी अति महत्वपूर्ण माना गया है। लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए इस तिथि को उत्तम बताया गया है। पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर दिन शुक्रवार को है। इस दिन कार्तिक माह का समापन भी हो रहा है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का विनाश किया था। तभी से भगवान शंकर को त्रिपुरारी कहा जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान नारायण ने मत्स्यावतार लिया था।कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष महत्वपूर्णिमा की तिथि हर माह में पड़ती है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा का महत्व इन सभी से विशेष माना गया है। इस दिन स्नान और दीपदान करना शुभ और पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। यही कारण है कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में बड़ी संख्या में लोग स्नान और दान आदि का कार्य करते है। इस दिन पूजा, हवन, जाप और तप का भी विशेष महत्व है।बन रहा शुभ योग पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग भी बन रहा है जो इस दिन की पूजा के महत्व में वृद्धि कर रहे हैं।चंद्र ग्रहण 2021 इस दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा। इस चंद्र ग्रहण को आंशिक चंद्र ग्रहण माना जा रहा है। इसमें सूतक काल मान्य नहीं होगा।लक्ष्मी पूजन कार्तिक पूर्णिमा पर लक्ष्मीजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन लक्ष्मी स्तुति और लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि लक्ष्मीजी की पूजा आर्थिक समस्याओं को दूर करती है।

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