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करंट लगने से हुई मौत पर :19 लाख रुपये की सहमति बनी, परिजनों ने शव को उठाया

बीकानेर। लाश पर राजनीति नही करेंगे लेकिन घटना में लापरवाही के दोषियों को छोड़ेंगे नहीं, इसी निर्णय और मृतक आश्रितों को 19 लाख के मुआवजा राशि के साथ हॉस्पिटल के बाहर चल रहा धरना समाप्त कर दिया गया है। शनिवार शाम उपनी 33 केवी जीएसएस पर करंट से हुई कार्मिक की मौत के मामले में मृतक आश्रित परिवार के भविष्य के लिए आंदोलन में क्षेत्र से बड़ी संख्या में नेता, ग्रामीण शामिल हुए। धरने पर भाजपा नेता रामगोपाल सुथार, विनोद गिरी गुसांई, शिव स्वामी, कांग्रेस नेता केशराराम गोदारा, पूनमचंद नैण, रालोपा नेता विवेक माचरा, सरपंच मोहन स्वामी, जसवीर सारण, पूर्व सरपंच भंवरलाल बाना, आशीष जाड़ीवाल, रतिराम गोदारा, विहिप जिलाध्यक्ष जगदीश स्वामी, सत्यनारायण स्वामी, श्रीभगवान स्वामी, एडवोकेट मनोज स्वामी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
धरने पर विद्युत निगम की और एक्सईएन गिरधारी लाल, एईएन नरेंद्र सोनगरा, जेईएन राजेश रोशन, ठेका कंपनी प्रतिनिधि और थानाधिकारी मौजूद रहे। लंबी वार्ता व कई गतिरोध के बाद आखिर 19 लाख के मुआवजे पर सहमति बनी व परिजन शव लेने के लिए तैयार हुए।
उपनी के ग्रामीण देंगे 5 लाख की अतिरिक्त सहायता।
मृतक प्रभुदयाल स्वामी लंबे समय से गांव उपनी में कार्यरत थे और इस कारण ग्रामीणों में उनके खासे पारिवारिक संपर्क भी बन गए। करंट दुर्घटना में उनके निधन के बाद गांव गमजदा है और शनिवार को विभागीय, ठेका कंपनी द्वारा 19 लाख की सहायता के अतिरिक्त 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि वहां मौजूद गांव उपनी के ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से देने का संकल्प लिया है। मौके पर मौजूद उपनी के ग्रामीणों ने परिवार की सहायतार्थ यह निर्णय लिया है।
विधायक रहे सक्रिय।
धरने के दौरान विधायक भी सक्रिय रहे। भवानी तावनियाँ ने बताया कि विधायक ताराचंद सारस्वत प्रवास पर होने के कारण धरने पर नही आ पाए लेकिन वो लगातार संपर्क में रहे एंव निगम अधिकारियों से फोन पर वार्ता की।

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