
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत बढ़ा,अब ये बढक़र 42 प्रतिशत हुआ






नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में 4त्न की बढ़ोतरी की गई है। 24 मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने में बढ़ोतरी पर फैसला लिया है। सरकार ने महंगाई भत्ते को 38त्न से बढक़र 42त्न किया है। इसका फायदा करीब 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को होगा। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता 1 जनवरी से लागू हो गया है।
क्या होता है महंगाई भत्ता?
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढऩे के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाये रखने के लिये दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है।
महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन कैसे होता है?
महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फार्मूला दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फार्मूला है [ पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औसत – 115.76)/115.76]म100 । अब अगर (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है- महंगाई भत्ता प्रतिशत= (बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))3100
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है?
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (ष्टक्कढ्ढ) भी कहते हैं।


