
जेल में तौलिए से लटका मिला बंदी का शव,पॉक्सो मामले में था विचाराधीन, एक साल में दूसरी कस्टोडियन डेथ






चूरू। जिला कारागृह में बुधवार को उस समय हडक़ंप मच गया, जब बैरिक नंबर चार में पॉक्सो के आरोप में विचाराधीन कैदी का शव जेलर ऑफिस के पास बाथरुम में तौलिए से लटका मिला। बंदी प्रभुराम मेघवाल (23) पॉक्सो मामले में जिला जेल में तीन महीने से बंद था और मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। जेल प्रशासन को सुबह करीब 9 बजे घटना का पता लगा, जब जेल में बंदियों की गिनती की जा रही थी। प्रभुराम मेघवाल के वहां न होने पर उसकी तलाश की गई तो वह बाथरुम में मृत मिला। सूचना के बाद कोतवाली पुलिस और डॉक्टर स्टाफ के साथ जिला जेल पहुंचे। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने कार्रवाई कर परिजनों को सूचना दी। चूरू जिला कारागृह में बीते एक साल में यह दूसरी कस्टोडियन डेथ है। इससे पहले 25 जुलाई 2022 को भी पॉक्सो के ही आरोपी बंदी का चूरू जिला जेल में तौलिए से लटका शव मिला था।
जिला जेल के डीएसपी कैलाश सिंह शेखावत ने बताया कि गांव आलसर के प्रभुराम मेघवाल के खिलाफ राजलदेसर थाने में पॉक्सो का मामला दर्ज हुआ था। कोर्ट में विचाराधीन इस मामले में प्रभुराम को 21 मई 2023 को जिला जेल में लाया गया था। बंदी के आचरण के आधार पर उसे ऑफिस में सफाई का कार्य दिया गया था। बुधवार सुबह जब बंदियों की गिनती की गई तो बैरिक संख्या चार का बंदी नहीं मिला। जब उसकी तलाश की गई तो वह ऑफिस के पास बाथरूम में तोलिए से लटका मिला। कोतवाली पुलिस तथा जिला प्रशासन को घटना की सूचना दी गई। सूचना के बाद एसीजीएम लीलूराम सिहाग जिला जेल पहुंचे।
शेखावत ने कोतवाली थाना पुलिस को इस संबंध में रिपोर्ट दी है। जेल प्रशासन प्राथमिक तौर पर मामले को खुदकुशी का मान रहा है। हालांकि पुलिस इसकी हर पहलू से जांच करेगी।
गौरतलब हैं की इससे पहले 25 जुलाई 2022 में जिला जेल के बेरिक नंबर 6 में पॉक्सो के विचाराधीन बंदी छगनलाल का शव भी बाथरूम में तौलिया से लटका हुआ मिला था। जिला जेल में फिलहाल 302 कैदी बंद है। जबकि जिला जेल की क्षमता 163 बंदियों को रखने की है।
मृतक प्रभुराम से मिलने पहुंची बहन रुक्मणी
जिला जेल में बुधवार को मुलाकात का दिन होने की वजह से मृतक प्रभुराम की बहन रुक्मणी अपने भाई से मिलने के लिए पहुंची थी। उसके साथ भाभी गायत्री और बच्चे भी थे। लेकिन जब वह जिला कारागृह पहुंची तो अपने भाई की मौत की सूचना मिलते ही वह बेसुध हो गई और बिलख-बिलख कर रोने लगी। बड़ी मुश्किल से जेल प्रशासन और उसकी भाभी ने उसे संभाला लेकिन वह खुद को रोक नहीं पाई। मृतक आठ भाई बहनों में तीसरे नंबर पर था और अविवाहित था। चार माह पहले प्रभुराम अपनी बहन रुक्मणी के पास रहकर रतनगढ़ में टेलर का काम करता था।


