सम्पूर्ण क्रांति के संदेशवाहक थे दयानन्द सरस्वती जयन्ती

सम्पूर्ण क्रांति के संदेशवाहक थे दयानन्द सरस्वती जयन्ती

बीकानेर। आर.एस.वी. उच्च माध्यमिक विद्यालय में महर्षि दयानन्द सरस्वती की जयन्ती धूमधाम से मनाई गई । इसमें विद्यालय की प्राथमिक कक्षाओं के लगभग 600 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पद को शिक्षाविद् एवं आर.एस.वी. ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संस्थापक रामनारायण जी ने सुशोभित किया। कार्यक्रम के प्रांरभ में महर्षि के व्यक्त्तित्व के बारे में विस्तार से बताया गया। निराले दयानन्द – युग प्रवृर्तक के साथ ही उच्च कोटि के वेदों के विद्वान भी थे। वे सम्पूर्ण क्रांति के संदेशवाहक भी थे। उनके सुधारवादी कार्यक्रमों में स्त्री शिक्षा, अछूतोद्धार, परतंत्रता निवारण, विधवारक्षण, अनाथपालन, सबके लिए शिक्षा की अनिवार्यता, जन्मगत जाति के स्थान पर गुण कर्मानुसार वर्ण व्यवस्था, विश्व के समस्त मानवों के लिए वेदाध्ययन के द्वारा उद्धार, अज्ञान – ढोंग, पाखंड आदि के विरूद्ध आन्दोलन, गुरूकुल प्रणाली का प्रचलन तथा ब्रह्मचार्य का पालन पर बल दिया। आपने देश में कला कौशल व विज्ञान को बल दिया एवं पशु मात्र की रक्षा, नशा मुक्ति का उपदेश देकर शरीर , आत्मा तथा समाज की उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया। आपने बताया कि जीवन एक कला है कुछ लोग सबकुछ होते हुए भी रोते रहते है पर कुछ लोग कुछ ना होने पर भी प्रसन्न रहते है, वह अपने दु:खों में हँसते है तथा पराये के दु:ख में रोते है। ऐसे इंसा नहीं समाज के लिए श्रेष्ठकर होते है। विद्यालय के विद्यार्थियों ने नृत्य-नाटिका, कविता वाचन, गीत, समूह गान, योग, श्लोकवाचन, आदि के माध्यम से दयानन्द सरस्वती के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट किया। अनेकों विद्यार्थियों ने झाँकी के रूप में दयानन्द सरस्वती के विभिन्न कार्यकलापों के रूप को मंच पर जीवित किया एवं तालियाँ बटोरी।

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