दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की तिथियां और पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय - Khulasa Online दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की तिथियां और पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय - Khulasa Online

दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व की तिथियां और पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय

बीकानेर। दीपावली का पर्व हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, दीपावली के दिन मां लक्ष्मी जी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी का पूजन होता है, इसके साथ ही इस दिन लोग अपने इष्ट देवों का भी पूजन करते हैं कि दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाने का शास्त्र सम्मत मत है इसकी शुरूआत धनतेरस के दिन से हो जाती है इसके बाद नरक चौदस, अन्नकूट और भैय्या दूज का पर्व मनाया जाता है आइए जानते हैं इस वर्ष दीपावली के पांच दिन के त्योहार की तिथियां और पूजन के बारे में….
धनतेरस: दीपावली के महापर्व की शुरूआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन से हो जाती है, इस दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, धनतेरस पर धन के देवता कुबेर, यम और औषधि के देव धनवंतरी के पूजन का विधान है इस वर्ष धनतेरस का पर्व 02 नवंबर, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
नरक चौदस: नरक चौदस को छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, उसी के नाम से इस दिन को नरक चौदस कहा जाता है, इस वर्ष नरक चौदस का त्योहार 03 नवंबर, दिन बुधवार को मनाया जाएगा।
दीपावली: दीपावली के पांच दिन के महोत्सव का सबसे महत्वपूर्ण पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, दीपावली पर गणेश जी- माँ लक्ष्मी जी के पूजन का विधान है, इसके साथ ही इस दिन भगवान श्री राम के लंका विजय के बाद अयोध्या वापस लौटने के त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है, इस वर्ष दीपावली का त्योहार 04 नवंबर, दिन गुरूवार को मनाया जाएगा।
दीपावली पर्व में पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय शाम 6 बजकर 20 मिनिट से 9 बजकर 10 मिनिट तक।
सिंह लग्न में पूजन का समय रात्रि 10 बजकर 33 मिनिट से रात्रि 1 बजकर 30 मिनिट तक।
गोवर्धन पूजा या अन्नकूट: दीपावली के अगले दिन प्रतिपदा पर गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाने का विधान है। ये पर्व भगवान कृष्ण के द्वारा गोवर्धन पर्वत उठा कर मथुरावसियों की रक्षा करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस वर्ष गोवर्धन या अन्नकूट पूजा 05 नवंबर, दिन शुक्रवार की जाएगी।
भैय्या दूज: भैय्या दूज या यम द्वितिया का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है, ये त्योहार भी राखी की तरह भाई-बहन को समर्पित होता है, इस दिन यमुना स्नान का विशेष महत्व होता है, इस वर्ष भैय्या दूज का पर्व 06 नवंबर, दिन शनिवार को मनाया जाएगा।

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