
साइबर पुलिस अपना काम कर रही है पर साइबर थाना सिर्फ कागजों में चल रहा है







बीकानेर। जिले में साइबर थाना खोलने की औपचारिकता पूरी कर इतिश्री कर ली गई। अधिकारिक वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बावजूद साइबर थाना अब तक आधारभूत रूप नहीं ले पाया है। फिलहाल थानों में साइबर ठगी से संबंधित आने वाली ठगी की शिकायतों का साइबर सेल ही निपटारा कर रही है। साइबर थाने में तैनात होने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ये ठगी सबसे ज्यादा
साल 2021 में साइबर ठगी की करीब 500 शिकायतें थीं, जो वर्ष 2022 में बढक़र करीब 780 हो गईं। इनमें सबसे ज्यादा कार्ड क्लोनिंग, एटीएम पिन, ओटीपी, ऑनलाइन शॉपिंग, अकाउंट हैकिंग, ऑनलाइन नौकरी, ओएलएक्स पर खरीदारी, एनी डेस्क एप समेत अन्य तरह की ठगी के मामले शामिल थे।
हर साल बढ़ रहे मामले
साइबर सेल में आने वाली शिकायतें साल दर साल लगभग दोगुनी होती जा रही हैं। फोन पर धमकी, फर्जी नाम से सोशल मीडिया का इस्तेमाल, एटीएम पिन पूछना, एटीएम कार्ड बदलकर पैसा निकालना समेत अन्य शिकायतों का साइबर सेल में ढेर लगा है। साइबर थाना नहीं होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय पुलिस प्रशासन ने साइबर थाने का भवन नहीं होने तक सीआइयू (साइबर स्पेशल यूनिट) में वैकल्पिक तौर पर चालू किया था, लेकिन यह थाना केवल कागजों में ही चल रहा है। थाने में पुलिसकर्मी व अधिकारी तैनात कर दिए गए हैं, लेकिन संसाधनों का अभाव है।
मुक्ताप्रसाद में भवन बना, चल रही चौकी
मुक्ताप्रसाद में थाने के लिए भवन बना हुआ है। यहां पर सभी सुविधाएं हैं। वर्तमान में यहां मुक्ताप्रसाद चौकी संचालित हो रही है। मुक्ताप्रसाद नगर में थाना खोलने के लिए केवल स्टाफ की संख्या बढ़ाने और संसाधन मुहैया कराने की जरूरत है।
वहीं हदां में पुलिस थाना बनाने की भी बजट में घोषणा की गई, लेकिन हदां में पुलिस थाने के लिए न भवन बना हुआ है और न ही जमीन है। ऐसे में यहां थाना जल्द खुलना मुश्किल लग रहा है।


