जिले में तीन संक्रमित आते ही लगाया कफ्र्यू, मेडिकल व दूध की दुकान भी बंद संक्रमित महिला का सैंपल पूना भेजा - Khulasa Online जिले में तीन संक्रमित आते ही लगाया कफ्र्यू, मेडिकल व दूध की दुकान भी बंद संक्रमित महिला का सैंपल पूना भेजा - Khulasa Online

जिले में तीन संक्रमित आते ही लगाया कफ्र्यू, मेडिकल व दूध की दुकान भी बंद संक्रमित महिला का सैंपल पूना भेजा

डूंगरपुर। डूंगरपुर में दो महिला और एक युवक के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद शनिवार को एक कॉलोनी में जीरो मोबिलिटी कफ्र्यू घोषित कर दिया गया है। प्रभावित क्षेत्र मोहम्मदिया कॉलोनी में पुलिस तैनात कर दी गई है। मेडिकल स्टोर और दूध की दुकानों को भी बंद रखा गया है। प्रशासन घर-घर सैंपलिंग कर बीमारों को दवाईयां और जरूरी सामान दे रहा है। चितरी थानाधिकारी गोविंद सिंह ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में किसी के भी आने-जाने पर रोक है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। गलियाकोट दरगाह के पास मोहम्मदिया कॉलोनी में ढाई सौ घर इस जोन में शामिल हैं। दूसरी लहर में लगे कफ्र्यू के बाद पहली बार तीसरी लहर की आहट के बीच राजस्थान के किसी इलाके में कफ्र्यू लगाया गया है।
दरअसल, सूरत से डूंगरपुर आई महिला कोरोना पॉजिटिव मिली थी। यहां बेटे की शादी के बाद वापस लौट गई। तबीयत खराब होने पर जांच करवाई तो कोरोना पॉजिटिव आई। इसके बाद संपर्क में आए लोगों की जांच में उसका बेटा और पड़ोस की महिला में संक्रमण पाया गया। दोनों को यहां होम आइसोलेट किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर कर रही सर्वें
जीरो मोबिलिटी कफ्र्यू में एक एएनएम और एक आशा सहयोगिनी की 5 टीमों को सर्वे के लिए लगा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर सर्वें कर रही हैं। अब तक 70 लोगों को सर्दी-जुकाम, खांसी होने पर दवाइयां दी गई है। 5 दिन बाद बड़े पैमाने पर सर्वे होगा।
सूरत से लौटी महिला का सैंपल पूना भेजा
गलियाकोट में सूरत से लौटी कोरोना संक्रमित महिला के ओमिक्रोन जिनोम की जांच के लिए सैंपल पूना लैब भेजा गया है। रिपोर्ट 10 दिन में आएगी। महिला की सूरत में करवाई गई कोरोना जांच भी निगेटिव आ गई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी लैब से आरटीपीसीआर जांच करवाकर रिपोर्ट देने की बात कही है। महिला का सूरत में ही इलाज चल रहा है।
जीरो मोबिलिटी जोन में कोई भी आ-जा नहीं सकता
जीरो मोबिलिटी जोन में किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं होती। जिस एरिया को जीरो मोबिलिटी घोषित की जाती है, वहां किसी को भी घर से बाहर तक निकलने की अनुमति नहीं होती। केवल मेडिकल टीमों को ही आने जाने की छूट होती है। एक तरह से सबसे एडवांस स्टेज का कफ्र्यू होता है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में कई शहरों में जीरो मोबिलिटी जोन बने थे।
इससे पहले अप्रैल में लगा था कफ्र्यू
राजस्थान में कोरोना की जब दूसरी लहर अप्रैल में आई थी, तब सरकार ने लॉकडाउन लगाते हुए ज्यादा संक्रमित वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए थे। अप्रैल में ही कई जगह कफ्र्यू लगाए गए थे। मई आखिरी सप्ताह से संक्रमित केस काबू होने लगे थे। इसके बाद सरकार ने पाबंदियों में ढील देना शुरू कर दी थी। जून अंत तक कोरोना की संक्रमण दर 5 फीसदी से नीचे आने के बाद तमाम पाबंदियों पर छूट देते हुए कंटेनमेंट जोन भी बनाने बंद कर दिए थे।

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