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रुला देने वाली कहानी: भाई के पास जाने के लिए पैसे नहीं थे, बीमार होने के बाद भी 9 घंटे में 30 किमी रिक्शा चलाकर ले गया पति

भाई-बहन की रुला देने वाली ये कहानी मध्यप्रदेश के पन्ना की है। रक्षाबंधन पर बहन अपने दिव्यांग भाई को राखी बांधना चाहती थी। पास में इतने पैसे नहीं थे कि राखी बांधने 30 किलोमीटर दूर भाई के घर जा सके। पत्नी की यह मजबूरी उसके पति से देखी नहीं गई। बीमार होने के बावजूद पति ने पत्नी को रिक्शे में बिठाया और भाई के गांव के लिए निकल गया। शरीर कमजोर था इसलिए रिक्शा धीरे-धीरे चलाया। 30 किलोमीटर का सफर तय करने में 9 घंटे लग गए। इसके बाद भाई-बहन जब मिले तो भावनाएं नहीं संभाल पाए और दोनों फूट-फूटकर रोने लगे।

यह घटना पन्ना के कुंजवन गांव की है। यहां रहने वाले 40 साल के अनिल देवनाथ दिव्यांग हैं। उन्हें मिर्गी के दौरे भी पड़ते हैं, इसलिए कहीं आ-जा नहीं सकते। अनिल की बहन 45 साल की चारू भी दिव्यांग हैं। वह 30 किलोमीटर दूर रक्सेहा गांव में रहती हैं। इन दोनों भाई-बहन के माता-पिता भी दिव्यांग थे। चारू अपने पति 52 साल के रवि दास के साथ रहती हैं। चारू के पति पहले रिक्शा चलाते थे। लगातार बीमार होने की वजह से उन्होंने रिक्शा चलाना बंद कर दिया।

पत्नी को उदास देखा तो फिर निकाला रिक्शा
चारू रक्षाबंधन के दिन मायूस थीं। यह देख रवि दास ने उसे रिक्शा से ही भाई के पास ले जाने की ठानी। सुबह 8 बजे वह रिक्शे पर पत्नी को बैठाकर शाम 5 बजे कुंजवन गांव पहुंचे। फिर राखी बांधने की बारी आई। चारू ने अनिल को राखी बांधी। शगुन के तौर पर अनिल के पास चारू को देने के लिए मात्र 10 रुपए थे। वह भी बहन लेना नहीं चाह रही थी। फिर भी भाई के प्यार के आगे उसे ये शगुन लेना पड़ा।इन दोनों भाई-बहन के प्यार और खुशी में रोने का वीडियो सामने आया है। गांव के सरपंच प्रताप विश्वास ने बताया कि अनिल की शादी नहीं हुई है। वह वन विभाग की चौकी में रहता है, क्योंकि उसके घर में बड़ी-बड़ी घास उग गई है, इसलिए वहां रहना मुश्किल है।

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