पांचू के बाद लूणकरनसर में भी कौवों की मौत, पूरे जिले में वन विभाग अलर्ट मोड पर
बीकानेर। बीकानेर के पांचू में शनिवार को चार कौवों की मौत के बाद रविवार को लूणकरनसर में भी मृत अवस्था में कौवे मिले हैं। इसके साथ ही वन विभाग ने पूरे जिले में अलर्ट कर दिया है। पांचू व लूणकरनसर में मिले कौवों के शव जांच के लिए अब भोपाल स्थित सेंटर पर भेजे जा रहे हैं।
उप वन संरक्षक (वन्यजीव) वी.एस. जोरा ने बताया कि बीकानेर में दो जगह मृत कौवें मिलने के बाद क्षेत्र के सभी अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। रविवार को सभी ने वाटरलैंड चैक किए, जहां आये दिन पानी एकत्र रहता है। ऐसी जगहों पर कौवें व अन्य पक्षी आराम करते हैं। ऐसे में सभी जगह मृत कौवों की छानबीन की जा रही है। बीकानेर में अब तक पांचू व लूणकरनसर में ही कौवों की मौत हुई है।
जोड़बीड़ में सब कुशल मंगल
वन विभाग को आशंका थी कि विदेशी पक्षियों में बर्ड फ्लू न फैल गया हो। अगर ऐसा होगा तो पूरी दुनिया में यह रोग पहुंच सकता है। ऐसे में रविवार को स्वयं उपवन संरक्षक ने जोड़बीड़ का निरीक्षण किया। जोरा ने बताया कि यहां सब कुछ सामान्य था, कोई भी कौवा या विदेशी पक्षी मृत अवस्था में नहीं मिला। जोड़बीड़ के अलावा कोडमदेसर, गजनेर झील, देवीकुंड सागर, दरबारी सहित आसपास के अन्य तालाब व पोखर का निरीक्षण किया जा रहा है।
मृत पक्षी को न छुएं
जोरा ने बताया कि अगर कहीं भी कौवा या अन्य कोई पक्षी मृत अवस्था में मिलता है तो उसे छूना नहीं चाहिये। अगर बर्ड फ्लू के कारण उसकी मौत हुई है तो पांच से सात घंटे तक उसका वायरस इंसान में ट्रांसमिट हो सकता है। यह इंसान के जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि अभी कौवों की मौत हो रही है, अन्य पक्षियों की नहीं हो रही। हो सकता है अन्य पक्षियों में मौत का सिलसिला विलम्ब से हो। ऐसे में इंसान को ध्यान रखना चाहिए कि मृत पक्षी को फिलहाल न छुएं।
बीकानेर में नियंत्रण कक्ष स्थापित
जोरा ने बताया कि बीकानेर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। अगर किसी को मृत पक्षी के बारे में सूचना मिले तो 0151-2527901 नंबर पर या फिर मोबाइल नंबर 8955045161 पर कॉल करके बता सकते हैं।
इनका कहना है
कोई भी घायल या मृत स्थानीय या प्रवासी पक्षी आपके आस पास के इलाकों जैसे संरक्षित क्षेत्र, नाड़ी, तालाब, ओरण, गोचर , मृत मवेशी स्थल आदि पर पाया जाए तो तुरन्त वन विभाग, पशु चिकित्सालय के अधिकारियों, कर्मचारियों को सूचित करें। ओर वन विभाग के सक्षम अधिकारियों से गुजारिश है, कि तुरंत प्रभाव से जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना करें जिससे सूचना प्रेत गति से पहुंचाई जा सके। बिना सुरक्षा उपकरणों के खुद सीधा सीधा हस्तक्षेप ना करें!