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करोड़ों बर्बाद : स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ा बीकानेर, 46 पायदान गिरी रैकिंग , नगर निगम नकारा साबित

– संपादक कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट

खुलासा न्यूज़ , बीकानेर। देशभर के शहरों को स्वच्छता के आधार पर दी जाने वाली मेरिट में बीकानेर एक बार फिर पिछड़ गया है। पिछले साल बीकानेर 239 रैंक पर था, लेकिन इस बार बीकानेर 285 नंबर पर पहुंच गया है।

 

निगम अधिकारियों की कमजोर मॉनिटरिंग और महापौर की ओर से शहर की सफाई व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लेना भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण बताया गया है। गौरतलब है घोषित हुई स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में बीकानेर शहर का 285 वां स्थान रहा है। इस बार रुपए खर्च होने के बाद भी शहर की बीकानेर शहर सफाई में 46 सफाई व्यवस्था में पिछड़ना महापौर पायदान नीचे लुढ़का है।

महापौर ले जिम्मेदारी

स्वच्छता रैंकिंग में शहर का पिछड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह महापौर की कमजोर मॉनिटरिंग, साधन संसाधन होने के बाद भी उनका पूरा उपयोग नहीं होना है। निगम की मुखिया होने के नाते महापौर को रैंकिंग में पिछड़ने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जगह-जगह लगी रहने वाली कचरे की ढेरियां सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे है।
– जावेद पडिहार, कांग्रेस पार्षद

जयपुर के दोनों नगर निगम देश के टॉप 40 शहरों में पिछले पायदान पर

स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के रिजल्ट आज घोषित हो गए। इस बार इस सर्वे में 4355 शहरों को शामिल किया गया है। इस बार सबसे ज्यादा साफ शहरों में 1 लाख से ज्यादा आबादी में एक बार फिर इंदौर नंबर वन आया है। वहीं 1 लाख से कम आबादी वालों की सूची में महाराष्ट्र का पंचगनी शामिल है। राजस्थान की बात करें तो देश में जहां 100 से ज्यादा शहर (नगरीय निकाय) हैं। उस सूची में राजस्थान 8वें नंबर पर आया है।देशभर में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाली 40 शहरों (नगरीय निकाय) में राजस्थान की स्थिति देखे तो यहां के दो नगरीय निकाय सर्वे में शामिल हुए। इसमें जयपुर में नगर निगम हैरिटेज ने 26वीं और नगर निगम ग्रेटर ने 33 वीं रैंकिंग हासिल की है। अंकों की बात करें तो हैरिटेज निगम को 7500 में से 4230.96 जबकि ग्रेटर निगम को 3877.28 अंक मिले है।

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