
अपनी बेटी से दुष्कर्म- हत्या के दोषी पिता की मौत की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा





जयपुर/कोटाः यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण देने संबंधी अधिनियम (पोक्सो) की एक अदालत ने एक व्यक्ति की मौत की सजा की बुधवार को पुष्टि की जिसे 15 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ उसकी बेटी से दुष्कर्म और हत्या का दोषी पाया गया. अदालत ने दोषी पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
अदालत ने अपराध को मानव समाज के लिए शर्मनाक बतायाः
पोक्सो अधिनियम के तहत एक विशेष अदालत ने 20 जनवरी को इस अपराध को ‘‘सबसे जघन्य’’ और ‘‘मानव समाज के लिए शर्मनाक’’ करार दिया था और 45 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी जबकि उस पर 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था.
उम्र कैद और हत्या के लिए मौत की सजाः
न्यायाधीश अशोक चौधरी ने 45 वर्षीय व्यक्ति को उसकी बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने और उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया था. दोषी ने पांच साल पहने अपनी बेटी की हत्या इसलिए कर दी थी कि ताकि बलात्कार और उसकी गर्भावस्था का खुलासा नहीं हो सके. अदालत ने दोषी को बलात्कार से संबंधित धाराओं के तहत उम्र कैद और हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि दोषी ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रूख किया था जिसने पोक्सो अदालत को पीड़िता की मां से जिरह करने के निर्देश दिए थे.
अदालत ने पिछले फैसले को रखा बरकरारः
पोक्सो अदालत-1 के सरकारी अभियोजक प्रेमनारायण नामदेव ने कहा कि जिरह पूरी हो गई है और मां के बयान वही रहे जबकि बचाव पक्ष में पेश तीन गवाह बयान नहीं दे सके. पोक्सो न्यायाधीश अशोक चौधरी ने अपने पिछले फैसले को बरकरार रखा और मौत की सजा की पुष्टि की और दोषी पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.
अपने घर में मृत मिली थी नाबालिग लड़कीः
गौरतलब है कि कोटा शहर के नयापुरा पुलिस थाना क्षेत्र में 13 मई, 2015 को 15 वर्षीय एक लड़की अपने घर में मृत मिली थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उसकी गर्भावस्था का खुलासा और पुलिस ने डीएनए नमूनों को एकत्र किया था और इसके बाद पुष्टि हुई कि दोषी पिता ने ही इस कृत्य को अंजाम दिया था. पुलिस ने इसके बाद उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.

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