
पेपर लीक सरगना भूपेन्द्र को कोर्ट ने भेजा जेल, 13 दिन में पुलिस कुछ खास राज नहीं उगला पाई






खुलासा न्यूज। सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़े गए एक लाख रुपए के ईनामी सरगना भूपेन्द्र सारण से उदयपुर पुलिस 13 दिन बाद भी कुछ खास तथ्य नहीं उगला पाई। 9 दिन रिमांड पूरी होने पर गुरुवार को भूपेन्द्र सारण को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया है। ऐसे में सारण से फिलहाल पुलिस द्वारा पूछताछ संभव नहीं है। हालांकि भूपेन्द्र सारण ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया था कि उसे 40 लाख रुपए में जयपुर के चोमू निवासी टीचर शेरसिंह मीणा ने पेपर उपलब्ध कराया था। जिसे बाद में 5-5 लाख रुपए में बेचा गया।इसके बाद पुलिस पूछताछ में कोई और नाम सामने नहीं आया। ऐसे में अभी भी कई सवाल उठ रहे हैं। जिस पूछताछ और पड़ताल के लिए पुलिस ने कोर्ट से भूपेन्द्र सारण का पहले 4 दिन फिर 9 दिन के लिए रिमांड लिया था। उसमें और भी बड़े नाम से कनेक्शन के खुलासे की संभावना जताई जा रही थी।
ये सवाल अभी भी बने हुए हैं
आखिर शेरसिंह से सारण का कनेक्शन कब और कैसे हुआ? क्या इससे पहले भी शेरसिंह ने अन्य भर्तियों के पेपर सारण को बेचे थे? एक सवाल ये भी है कि शेरसिंह की आबूरोड के सरकारी स्कूल में पोस्टिंग है और पेपर लीक प्रकरण में बस भी गोगुंदा रोड पर पकड़ी गई थी। यह रोड पिंडवाड़ा से जुड़ता आबूरोड को जाता है। ऐसे में रात के समय तीन घंटे तक यह बस इस क्षेत्र में रही तो क्या शेरसिंह ने यहीं उन्हें पेपर उपलब्ध थे? सारण से इस गिरोह में जुड़े अन्य नामों के खुलासे की भी संभावना जताई जा रही थी।
40 लाख में भूपेन्द्र को पेपर बेचने वाला शेरसिंह चल रहा फरार
40 लाख रुपए में भूपेन्द्र सारण को पेपर बेचने वाला अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह सारण से पूछताछ के बाद दिन-रात जयपुर, जालोर व बाडमेर के इलाकों में दबिश दे रही है लेकिन इसमें पुलिस को अभी तक कुछ नहीं मिल पाया है।


