कोर्ट की क्लर्क ने लगाई फांसी: 3 पेज के सुसाइड नोट में लिखा- मैं

कोर्ट की क्लर्क ने लगाई फांसी: 3 पेज के सुसाइड नोट में लिखा- मैं

चित्तौड़गढ़ । ‘मैं काफी दिन से डिप्रेशन में हूं और सुसाइड करना चाहती थी। मम्मी-पापा का ख्याल मुझे बार-बार रोकता था। उन्हें अकेले छोड़कर जाने से डर लगता था। इसलिए मैं सुसाइड नहीं कर पाती थी। पर, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा। मैं डिप्रेशन को नहीं झेल पा रही हूं। मम्मी-पापा और परिवारवालों को प्यार। मैं जो भी कर रही हूं, अपनी मर्जी से कर रही हूं। मेरे परिवार, रिश्तेदार, स्टाफ में से किसी को भी इस सुसाइड के लिए परेशान न किया जाए।’ 25 साल की मनीषा बागड़ी के इस 3 पेज के सुसाइड नोट ने सबको झकझोर कर रख दिया है। वह चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा कोर्ट में बतौर क्लर्क तैनात थी। मंगलवार सुबह मनीषा की मां ने फोन किया। कॉल किसी ने रिसीव नहीं किया तो मां परेशान हो गई। उन्होंने मकान मालिक की पत्नी को फोन कर दिया। मां ने बताया कि 2 दिन से मनीषा फोन नहीं उठा रही है। मनीषा के कमरे में लोग गए तो उसकी लाश फंदे से लटकी मिली। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।किराए पर रहती थी
रावतभाटा के क्षत्रिय प्रताप कॉलोनी में हिम्मत सिंह के मकान में कैलाश चंद बागड़ी की बेटी मनीषा किराए पर रहती थी। कैलाश और उनकी पत्नी जयपुर में रहते हैं। करीब ढाई साल से मनीषा इसी मकान में रह रही थी। पहले उसकी दादी साथ में रहती थीं। कोरोना काल में वह चली गई थीं। बाद में वह अकेली रहने लगी थी। मंगलवार सुबह मनीषा की मां ने मकान मालिक की पत्नी को फोन किया। बताया कि मनीषा दो दिन से फोन नहीं उठा रही है। मनीषा की मां की चिंता को देखते हुए मकान मालकिन ने मनीषा के कमरे की तरफ जाकर दरवाजा खटखटाया। मनीषा ने दरवाजा नहीं खोला। कुछ गलत होने की आशंका पर मकान मालकिन ने अपने पति हिम्मत सिंह राठौड़ को इस बारे में बताया। हिम्मत सिंह ने भी काफी देर तक दरवाजा खटखटाया। पर कोई जवाब नहीं मिला।खिड़की से देखा तो सन्न रह गए
बार-बार खटखटाने के बाद भी जब मनीषा के घर का दरवाजा नहीं खुला तो मकान मालिक हिम्मत सिंह ने बाहर रखा कूलर हटाया। इसके बाद खिड़की पर लगे पर्दे को एक डंडे से हटाया। सामने मनीषा पंखे पर लटकी हुई दिखी। वहां से काफी बदबू आ रही थी। हिम्मत सिंह ने पुलिस को फोन किया। मौके पर थाना अधिकारी राजाराम गुर्जर पहुंचे। पुलिस ने शव को उतारा और मनीषा के परिवार को सूचना दी। हिम्मत सिंह का कहना है कि शनिवार को मनीषा सुबह पानी भरने के लिए निकली थी। उसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा था। वह ज्यादा किसी से बात नहीं करती थी। ज्यादातर कमरे में या ऑफिस में ही होती थी। इसलिए किसी को शक भी नहीं हुआ। शव से बदबू आने से यही लग रहा है कि उसने आत्महत्या दो दिन पहले ही कर ली होगी। वह इंटेलीजेंट लड़की थी। यकीन नहीं हो रहा कि इस तरह का कदम उसने उठाया होगा। उसके कमरे से 3 पेज का सुसाइड नोट मिला है।

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