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निगम बना अखाड़ा छह दिन बाद आयुक्त ने ज्वाइन किया, अब क्या करेगी महापौर

बीकानेर. नगर निगम में महापौर-आयुक्त का विवाद फिर ओर बढऩे के आसार है। महापौर के धरने पर बैठने के बाद निगम आयुक्त गोपालराम बिरदा को छुट्टी पर भेज दिया गया, लेकिन छह दिन बाद ही बिरदा निगम आयुक्त वापिस ज्वाइन कर लिया। जब आयुक्त को छुट्टी पर भेजा गया तो महापौर ने इसमें जीत मानकर खूब गुलाल लगाकर व मिठाईयां बांटकर जश्न मनाया और धरना उठाया। ऐसे में शहरवासियों में चर्चा है कि अब आयुक्त ने ज्वाइन करने के बाद महापौर की किरकिरी हुई है। साथ ही यह भी चर्चा है कि महापौर का अगला कदम क्यारहेगा और क्या नहीं। कुछ दिन पहले महापौर ने शिक्षामंत्री पर भी आरोप लगाए थे। इसके साथ ही महापौर के खिलाफ कांग्रेसी पार्षद जयपुर पहुंच गए। नेता प्रतिपक्ष चेतना चौधरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल जयपुर पहुंच गया और महापौर की शिकायत व आयुक्त को वापिस लगाने की मांग की। ऐसे में नेताप्रतिपक्ष की उग्र होने पर महापौर पर बयानों से तीखे हमले करते हुए दिखाई दिए। महापौर व आयुक्त की लड़ाई में अब जनता परेशान हो रही है। आयुक्त-महापौर की लड़ाई में शहर का विकास ठप हो गया है। शहर में जगह-जगह गड्ढे और सडक़ टूटी हुई है। वहीं कई जगहों पर सीवरेज का काम भी नहीं हुआ है। शहर में जगह-जगह कचरे के ढ़ेर लगे हुए है। करोड़ो के प्रोजेक्ट का काम भी रूका हुआ है। महापौर अपने पार्षदों के साथ मीटिंग कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी अपने पार्षदों को एकजुट कर महापौर के खिलाफ लामबंद होते दिखाई दे रहे है। इस बीच गोपालराम ने बताया कि वह अपने घरेलू कार्य के कारण अवकाश लेकर गए थे, लेकिन महापौर समर्थकों ने धरने को उठाकर अपनी जीत मान ली। कभी महापौर जयपुर दिखाई देती है तो कभी आयुक्त। हाल ही में जिला प्रशासन के दखल के बाद एक बारगी तो बीच का रास्ता निकाल कर धरना उठा दिया गया, लेकिन अब रास्ते नहीं मिलने के कारण मामला ओर बढ़ेगा। ऐसे में अब सरकार को ही तय करना होगा कि शहर के विकास के लिए क्या किया जाएं। हालांकि आयुक्त व महापौर दोनो के ऊपर शहर के विकास की जिम्मेदारी है। हाल ही में एक आदेश को लेकर मामला बढ़ा और अब बिरदा के वापिस आने से फिर से आदेशों से मामला बढऩे की संभावना है।
जनता की किसी ने सुध नहीं ली
मेयर सुशीला कंवर के कार्यकाल को तीन साल पूरे हो गए। इस साल भी 40-40 लाख के काम होने थे। एक भी वार्ड में अब तक काम मंजूर नहीं हुए। 80 वार्डों के विकास के काम ठप हो गए हैं। 26 को साधारण सभा है ये मुद्दे प्रमुखता से उठेंगे।

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