कोरोना के नए वैरिएंट से बाजार में हो सकती हैं भारी गिरावट - Khulasa Online कोरोना के नए वैरिएंट से बाजार में हो सकती हैं भारी गिरावट - Khulasa Online

कोरोना के नए वैरिएंट से बाजार में हो सकती हैं भारी गिरावट

मुबंई। कोरोना का अगर नया वैरिएंट भारत में आया तो इसका शेयर बाजार पर बुरा असर दिख सकता है। जानकार मानते हैं कि 2020 मार्च के लेवल पर मार्केट नहीं जाएगा, पर अगर टूटना शुरू हुआ तो बहुत नीचे तक जा सकता है। इसका संकेत इस बात से मिल रहा है कि विदेशी निवेशक लगातार पैसे निकालने शुरू कर दिए हैं।

नए वैरिएंट और FII पर बाजार निर्भर होगा

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा कहते हैं कि कोविड के नए वैरिएंट और विदेशी निवेशकों का रुझान बाजार की आगे की चाल तय करेगा। निवेशकों के लिए यह एक काला शुक्रवार था। हालांकि इससे पहले इसी हफ्ते में काला सोमवार भी हमने देखा था। सोमवार की ज्यादा गिरावट पेटीएम के शेयर्स की वजह से हुई क्योंकि उसी दिन इसके शेयर्स लिस्ट होते ही धराशाई हो गए। हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बाजार में निवेश ही किया है।

अक्टूबर नें बना था रिकॉर्ड

अक्टूबर में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स अब तक के अपने ऐतिहासिक लेवल पर पहुंचा था। इसने 62 हजार के ऊपर का लेवल बनाया। अब यह करीबन 8% टूटकर 58 हजार से थोड़ा ऊपर है। हालांकि शुक्रवार को यह 58 हजार के नीचे भी चला गया। दिन में सेंसेक्स 1800 पॉइंट टूट गया था। इस हफ्ते में लगातार दूसरी बार सेंसेक्स हजार पॉइंट्स से ज्यादा टूटा है।

सोमवार को 1,179 पॉइंट्स की गिरावट

सोमवार को 1,170 पॉइंट्स की गिरावट बाजार में आई थी। ज्यादातर गिरावट ब्लू चिप शेयर्स में है। आंकड़े बताते हैं कि शुक्रवार को मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 50 शेयर्स में केवल 2 शेयर्स में मामूली बढ़त थी। बाकी सभी शेयर्स गिरावट में थे। पिछले एक महीने में मार्केट कैप में 16 लाख करोड़ रुपए की कमी आई है। 18 अक्टूबर को लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 274 लाख करोड़ रुपए था जो अब 258 लाख करोड़ रुपए पर आ गया है।

नई लिस्टेड कंपनियों ने जोड़ा 3 लाख करोड़

हालांकि अगर नई लिस्ट हुई कंपनियों का मार्केट कैप हटा दें तो इसमें करीबन 3 लाख करोड़ रुपए की और कमी आएगी। यानी उस आधार पर मार्केट कैप में 19 लाख करोड़ की कमी आई है। पेटीएम और नायका ने मिलकर 2.30 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैप में इस महीने जोड़े हैं। जबकि पिछले महीने से लेकर अब तक छोटी-मोटी कंपनियों ने 50 हजार करोड़ रुपए जोड़े हैं।

टॉप 10 कंपनियों के शेयर्स की जमकर पिटाई

मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 10 कंपनियों के शेयर्स की जमकर पिटाई हुई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज से लेकर बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, HDFC बैंक और HDFC जैसे शेयर्स जमकर पिटे हैं। एक महीने में इनके शेयर्स की कीमतें 15% तक गिरी हैं। रिलायंस का शेयर 19 अक्टूबर को 2,750 रुपए पर था जो अब 2,415 रुपए पर आ गया है। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस (TCS) का शेयर इसी दौरान 3,990 रुपए से गिर कर 3,445 रुपए पर आ गया है।

HDFC बैंक का शेयर 1,490 रुपए पर

HDFC बैंक का शेयर 1,724 से गिरकर 1,490 रुपए पर आ गया है। इंफोसिस का शेयर 1,848 रुपए से गिरकर 1,690 रुपए पर जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का शेयर 21 सितंबर को 2,859 से गिर कर 2,334 रुपए पर अब आ गया है। स्टेट बैंक (SBI) का शेयर 3 नवंबर को 542 से टूटकर 470 रुपए और बजाज फाइनेंस का शेयर 18 अक्टूबर को 8,020 से टूटकर 6,803 रुपए पर आ गया है। कोटक महिंद्रा बैंक का शेयर 27 अक्टूबर को 2,252 रुपए से गिर कर 1,962 रुपए पर आ गया है।

FII का रुझान निगेटिव

विदेशी निवेशकों (FII) का रुझान देखें तो एकदम निगेटिव रहा है। मार्च 2020 में 65,816 करोड़ रुपए निकालने के बाद नवंबर में इन्होंने सबसे ज्यादा रकम बाजार से निकाली है। नवंबर में अब तक इन्होंने 31,124 करोड़ रुपए निकाला है। अक्टूबर में 25,572 करोड़ रुपए, जुलाई में 23,193 करोड़ रुपए, अप्रैल में 12 हजार करोड़, मई में 6 हजार करोड़ रुपए की निकासी की है।

सबसे ज्यादा निकासी 26 नवंबर को

नवंबर की बात करें तो 19 नवंबर को 3,930, 22 नवंबर को 3,438, 23 नवंबर को 4,478 करोड़ रुपए, 24 नवंबर को 5,122 करोड़, 25 नवंबर को 2,300 और 26 नवंबर को इन्होंने 5,785 करोड़ रुपए निकाले हैं। चालू महीने में FII ने 155,621 लाख करोड़ के शेयर खरीदे जबकि 186,746 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेच दिए हैं।

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