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कोरोना वायरस/ सब कुछ ठीक होगा, शीघ्र हारेगी महामारी और मानवता जीतेगी!

दिसंबर 2019 में चीन के एक शहर वुहान से उत्पन्न हुए एक वायरस ने बहुत कम समय में ही तीव्र गति से प्रसार करते हुए वैश्विक महामारी का रूप धारण कर संपूर्ण विश्व को अपने आगोश में ले लिया। इस वैश्विक आपदा ने अर्थव्यवस्था के युग में पूंजीवाद की दौड़ में शामिल मनुष्य को बिना किसी पूर्व आगाह और संभलने का वक्त दिए हजारों लाखों जिन्दगियां लील कर अपना कहर बरपाया। पर्यावरण और प्रकृति की कीमत पर विकास की अंधी दौड़ में भाग रहे मानव संसाधन के पास अपनों को ख़ुद से बिछड़ते हुए देखने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। वायरस के प्रकोप से फूलते फेफड़े, ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति के अभाव में थमती सांसों, सुनी सड़कों और जलती चिताओं के भयानक दृश्यों और खौफनाक मंजर ने आसमान में उड़ने वाले और दूसरे ग्रहों पर जीवन खोजने वाले मनुष्य को घर की चारदीवारी में बंद करके यह आत्मचिंतन करने पर मजबूर तो किया है कि मुझे पहले इस ग्रह पर ढंग से जीना सीखना चाहिए!
इस महामारी ने निश्चित तौर पर समस्त मानव जाति को संकट में डाला है और बहुत हानि पहुंचाई है लेकिन अगर इस खौफनाक मंज़र के पार सकारात्मक और आशावादी दृष्टिकोण से देखें तो इस आपदा ने ही मानव को उसकी क्षमताओं से परिचित से करवाया और
इस संकट का सामना करने और इसके प्रभाव को कम करने में मानव ने जो एकजुटता, साहस और सहयोगपूर्ण रवैया अपनाया है उसी ने सही मायनों में मानव होने का अहसास करवाया है।
इस आपदा के दौरान ही मानव पहली बार क्वेरेंटिन, आइसोलेशन,लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू, मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर जैसे शब्दों पर गौर किया। ये अपने शाब्दिक अर्थ के साथ साथ बहुत गहरे मायने लिए हुए हैं जैसे
क्वेरिंटाइन और आइसोलेशन जैसे कॉन्सेप्ट्स ने इस महामारी को नियंत्रित करने के साथ ही मानव जीवन में इस बात का प्रमाण दिया है कि मनुष्य एकांत की शक्ति द्वारा आत्मबल विकसित करके बड़ी से बड़ी बुराई पर विजय हासिल कर सकता है, वहीं लॉकडाऊन ने मानव को न्यूनतम आवश्यकता के साथ जीने की सीख दी है।
मास्क ने इस महामारी के संक्रमण से बचाने के साथ ही यह समझाया है कि अगर मानव जनित प्रदूषण को समय रहते नियंत्रित नहीं किया तो आने वाले समय बहुत भयावह होने वाला है!
दूसरी तरफ सैनिटाइजर ने वायरस को निष्प्रभावी करने के साथ मानव को आगाह किया है कि सुरक्षित भविष्य के लिए स्वच्छता को अपनाया जाना ज़रूरी है। शारीरिक स्वच्छता के साथ साथ मानसिक स्वच्छता के तरफ संज्ञान लेने की भी आवश्यकता है।
वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत ने मानव को यह समझाया है कि अगर समय रहते पृथ्वी और पर्यावरण के संरक्षण को प्राथमिकता पर नहीं लाया गया तो आने वाली शताब्दियों में सम्पूर्ण ग्रह को वेंटिलेटर पर जाने से मानव नहीं रोक पाएगा। अतः वापस प्रकृति की ओर लौट कर पौधरोपण करके ही मानव जीवन को प्राकृतिक रूप से समृद्ध और सुरक्षित किया जा सकता है।
मानव जाति का भला इसमें ही है कि प्रकृति को नुकसान पहुंचा कर विकास की बजाय प्रकृति और पर्यावरण को अक्षुण्ण बनाए रखने हुए अपने जीवन में आगे बढ़े।
कोरोना की तबाही और इसके द्वारा दी गई चेतावनियों को ध्यान में रखते हुए अगर हम इस तबाही का सामना करने और इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित करने में सम्पूर्ण मानव जाति ने जिस साहस और मानवीयता के साथ नर सेवा नारायण सेवा को ध्येय मानते हुए एकता प्रदर्शित की है वो एक मिशाल है और यही भावना मानव को मानव बनाती है।
तमाम त्रासदी और भयावह मंजर के पार आशावादी दृष्टिकोण और सब कुछ अच्छा होगा के और मानवता इस महामारी से जीतेगी के नज़रिए से देखें तो समस्त राजनैतिक नेतृत्व, सरकारी मशीनरी , चिकित्सा जगत और भामाशाहों एवम जनता ने मिलकर CORONA के अर्थ को ही नया रूप दे दिया
C फॉर कॉपरेटिव एप्रोच एंड कंपटीबिलिटी: इस महामारी के दौरान सभी ने मानवता को सर्वोपरि मानते हुए सहयोगपूर्ण रवैया अपनाते हुए बिना किसी भेदभाव के जरूरतमंद को हरसंभव मदद पहुंचा कर नई मिशाल कायम की। भामाशाहों एवम समाजसेवियों ने अग्रिम पंक्ति पर आकर अपने तन मन और धन से पीड़ितों को राहत पहुंचाई है जो वाकई काबिले तारीफ़ है।
O फॉर ऑप्टिमिज्म: हिंदी में इसका अर्थ आशावाद है। इस संकट की घड़ी में आशावाद का सहारा लेकर ही सभी मनुष्यों ने इस महामारी को नियंत्रित करने की तरफ तेज़ी से कदम उठाए हैं। इसी का सहारा लेकर ही विश्व के वैज्ञानिक जगत ने दिन रात मेहनत करके वैक्सीन ईजाद की है।
R फॉर रिस्पांसिबिलिटी यानी जवाबदेहिता और उत्तरदायित्व। महामारी को नियंत्रित करने के लिए समस्त राजनैतिक दलों और नेतृत्व ने लोगों के जीवन सुरक्षित करने का उत्तरदायित्व लेते हुए एक्शन मोड पर निर्णय लेते हुए इसको नियंत्रित करने हेतु हरसम्भव प्रयास किया है। अपने राजनीतिक नफे नुकसान को ध्यान में न रखते हुए जनकल्याणकारी क़दम उठाए हैं। लॉक डाउन के दौरान विशेष पैकेजों सहित सभी नागरिकों को भोजन उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए उनके स्वास्थ्य और भविष्य दोनों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया है जो सवेंदनशीलता का परिचायक है।
O फॉर ऑपरेशनल मोड जिसका अर्थ होता है सुचारू रूप से संचालन। इस वैश्विक आपदा को हराने के लिए समस्त चिकित्सा जगत 24×7 ऑपरेशनल मोड पर है। समस्त चिकित्सा स्टॉफ अपने ड्यूटी ओवर्स की परवाह किए बिना संक्रमितों के स्वास्थ्य लाभ की दिशा में अथक परिश्रम कर रहा है जो डॉक्टर के धरती पर भगवान होने के कथन को साकार करने वाला है।
N फॉर नेगेटिव जिसका अर्थ नकारात्मक होता है। आज तक हमेशा बी पॉजिटिव ही कहा और सुना जाता था लेकिन शायद इतिहास में पहली बार इस महामारी के दौरान नेगेटिव होना अच्छा माना गया तो इस शब्द को भी न्याय मिलने पर ख़ुशी हुई होगी। वैसे इस संकट ने मनुष्य को पॉजिटिव नेगेटिव की ग्रामर समझाते हुए सिखाया कि किस प्रकार पॉजिटिव होने पर भी किस प्रकार पॉजिटिव रहा जाता है!
A फॉर एडमिनिस्ट्रेटिव इंपोर्टेंस यानी कि इस संकट के दौरान ही प्रशासनिक मशीनरी की आम जन जीवन में भूमिका सामने आई और आम नागरिक को प्रशासनिक समर्पण और सहानुभूति को समझने का अवसर मिला। नौकर शाही और तमाम कर्मचारियों ने यह साबित किया कि जरूरत पड़ने पर वो ए सी कार्यालयों से बाहर चौराहों और सड़कों पर भी बहुत ही मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाल सकते हैं।
इस महामारी ने निश्चित रूप से रुप से शिक्षण संस्थानों को बंद करवा कर बालकों की शिक्षा को हानि पहुंचाई है लेकिन इस नुकसान की भरपाई योग और खेल की तरफ़ ध्यान देकर कर सकते हैं जिसको आज तक सभी ने कम या अधिक रुप से उपेक्षित ही किया है।
इस संकट से उबरने और आगामी संकटों को टालने के लिए मनुष्य को अपनी जीवन शैली को प्रकृति से जोड़ना होगा और महात्मा गांधी के न्यासिता के सिद्धांत को अपने जहन में गहराई तक समा कर उनका पालन करना होगा और प्रकृति के आवरण को हरियाली जामा पहनाना होगा साथ ही योगा और प्राणायाम को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना संयमित जीवन व्यतीत करना होगा और जो मानवता इस महामारी को नियंत्रित करने में दिखा रहा है वह दैनिक जीवन में भी अखंडित रखनी होगी तभी मानव अपने मानव होने को सार्थक सिद्ध कर सकेगा और इस ग्रह पर जीवन सुरक्षित रख पाएगा और मानव का अन्यत्र जीवन खोजने का अधिकार भी सुरक्षित रहेगा वरना बुद्धि शील कहलाने लायक नहीं बचेगा।
उम्मीद हैं सब कुछ ठीक होगा और बहुत जल्द महामारी हारेगी और मानवता जीतेगी!!
राम. एन. बिश्नोई
बीकानेर!!

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