
कोरोना इफेक्ट : सेना 30 घंटे की सूचना पर 8 लाख मरीजों का इलाज करने को तैयार





नई दिल्ली। भारतीय सेना ने कोरोना कहर को देखते हुए आगे बढ़कर मोर्चा संभालने की तैयारी शुरू कर दी है। देश का इतिहास बताता है कि जरूरत पडऩे पर सेना ने अपनी क्षमता के बल पर देश को कई बार संकट से बाहर निकालने का काम किया है। हालांकि कोरोना का कहर सैन्य समस्या नहीं है, लेकिन हमारी सेना कई मौकों पर नागरिक सेवा के क्षेत्र में मिसाल पेश करने में पीछे नहीं रही है। इस बार कोरोना संकट और लॉकडाउन को देखते हुए सेना ने ऑपरेशन नमस्ते लॉन्च किया है। इसका मकसद लोगों को कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से बचाना है। ऑपरेशन नमस्ते कोरोना वायरस के खिलाफ सेना की एक महत्वाकांक्षी अभियान है। सेना ने साफ कर दिया है कि देश को जरूरत पड़ी तो कोरोना संकट से निजात दिलाने में भी सेना अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। इससे पहले दिसंबर, 2001 में संसद पर हमले में पाकिस्तान के हाथ होने के कुछ अहम सबूत मिले थे। तब भारतीय सेना ने ऑपरेशन पराक्रम चलाया था। आर्मी चीफ मुकुंद नरवणे ने बताया कि तब भी सेना के जवान लंबे वक्त तक छुट्टियों पर नहीं गए थे। 16 जून, 2013 को उत्तराखंड स्थित केदारनाथ मंदिर में भयंकर बाढ़ आई थी। इस प्राकृतिक आपदा में करीब 6 हजार लोगों की जान चली गई थी। लाखों लोग बेघर हो गए और कई लोग अपनों से बिछड़ गए। सेना की सेंट्रल कमांड ने 19 जून को पहले ऑपरेशन गंगा प्रहार लॉन्च किया था। दो दिन बाद इसका नाम बदलकर ऑपरेशन सूर्य होप कर दिया गया। इस ऑपरेशन में इंडियन नेवी भी शामिल थी। सेना प्रमुख के मुताबिक भारतीय सेना की खूबी है कि हम अपने सांगठनिक ढांचे और ट्रेनिंग की बदौलत तरह-तरह की आपातकालीन परिस्थितियों से निपट लेते हैं। हम कोविड-19 से निपटने में अपनी क्षमता का इस्तेमाल करेंगे। सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सरकार और सामान्य प्रशासन की मदद करना हमारा दायित्व है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सेना की ओर से देशभर में अब तक 8 क्वारनटाइन सेंटर्स स्थापित किए जा चुके हैं। सेना की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है। इसके लिए सेना के साउर्थन कमांड, ईस्टर्न कमांड, वेस्टर्न कमांड, सेंट्रल कमांड, नॉदर्न कमांड, साउथ वेस्टर्न कमांड और दिल्ली हेडक्वॉर्टर में कोरोना हेल्प लाइन सेंटर्स बनाए हैं। सेना इन सेंटर्स के जरिए कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की मदद करने का काम करेगी।


