यूथ कांग्रेस चुनाव के परिणाम को लेकर थम नहीं रहा विवाद, चुनाव लडऩे वाले चार नेता मिले आलाकमान से, कहा- चुनाव में निष्पक्षता नहीं बरती गई - Khulasa Online यूथ कांग्रेस चुनाव के परिणाम को लेकर थम नहीं रहा विवाद, चुनाव लडऩे वाले चार नेता मिले आलाकमान से, कहा- चुनाव में निष्पक्षता नहीं बरती गई - Khulasa Online

यूथ कांग्रेस चुनाव के परिणाम को लेकर थम नहीं रहा विवाद, चुनाव लडऩे वाले चार नेता मिले आलाकमान से, कहा- चुनाव में निष्पक्षता नहीं बरती गई

खुलासा न्यूज। राजस्थान में यूथ कांग्रेस चुनाव के परिणाम को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को यूथ कांग्रेस चुनाव लडऩे वाले 4 नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और गोविंद सिंह डोटासरा से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखी। उन्होंने कहा कि यूथ कांग्रेस चुनाव में निष्पक्षता नहीं बरती गई। चुनाव परिणाम जारी होने से 1 घंटे पहले ही मार्केट में परिणाम आ चुका था। वहीं वोट रिजेक्शन और होल्ड में भी भेदभाव किया गया है। ऐसे में इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

दरअसल, राजस्थान में पिछले दिनों यूथ कांग्रेस के प्री चुनाव चुनाव परिणाम में सचिन पायलट समर्थक अभिमन्यु पूनिया सर्वाधिक मतों के साथ टॉप पर रहे थे। इसके बाद दूसरे, तीसरे चौथे और पांचवें स्थान पर रहे पधाधिकारियों ने ही चुनाव परिणाम को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है।

सुधींद्र मूंड, यशवीर सूरा, सतवीर चौधरी और राकेश मीणा ने आरोप लगाया है कि वोट रिजेक्शन और होल्ड की प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई है। ऐसे में एक बार फिर राजस्थान में यूथ कांग्रेस के चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी का कारण बनते जा रहे है। राजस्थान में यूथ कांग्रेस के चुनाव में कुल वोटिंग 19 लाख से ज्यादा हुई थी। लेकिन काउंटिंग के दौरान 7 लाख 70 हजार वोट ही काउंट किए गए। शेष 12 लाख 30 हजार वोटों को खारिज कर दिया गया था। शिकायतकर्ता सुधींद्र मूंड, यशवीर सूरा, सतवीर चौधरी और राकेश मीणा का कहना है कि वोट खारिज किस आधार पर किया। इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।

प्रत्याशियों ने कहा कि हमारे 60 से 80 फीसदी वोट खारिज कैसे हो सकते है। जबकि सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाले प्रत्याशी के यह आकड़ा महज 30 से 40त्न तक ही है। इससे साफ जाहिर होता है कि वोट काउंटिंग के दौरान रिजेक्शन में छेड़छाड़ हुई है। वहीं काउंटिंग की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही सोशल मीडिया पर रिजल्ट आ गया था। ऐसे में चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है। इसलिए इस मामले की जांच के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए।

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